अजमेर

चेयरमैन मैडम की नहीं कम हो रही मुसीबत, फेल हो रहे सारे जुगाड़

www.patrika.com/rajasthan-news

अजमेरSep 05, 2018 / 05:41 am

raktim tiwari

ACB trap chairman

अजमेर.
भूखंड का भू उपयोग परिवर्तन कराने की एवज 2.25 लाख रुपए रिश्वत लेने के मामले में अजमेर की भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की अदालत ने ब्यावर नगर परिषद सभापति बबीता चौहान, उसके पति नरेन्द्र चौहान उसके एक अन्य रिश्तेदार शिव प्रसाद की न्यायिक हिरासत की अवधि 17 सितम्बर तक बढ़ा दी है। लगातार दूसरी बार मंगलवार को पेशी पर तीनों आरोपितों को नहीं लाया जा सका। जेल प्रशासन ने पुलिस जाब्ते के अभाव में जेल से आरोपितों का वारंट भेजा। आरोपितों की अधीनस्थ अदालत से जमानत अर्जी पहले ही खारिज हो चुकी है।
गौरतलब है कि आरोपितों को गत 7 अगस्त को ब्यावर में एसीबी ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। सभापति पर ब्यावर के डॉक्टर राजीव जैन के भू उपयोग परिवर्तन कराने की एवज में 2.25 लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप है। आरोपित सभापति पर एक अन्य मामला गुरूबचन सिंह ने भी दर्ज कराया है।
इसमें परिवादी का कंचन पेट्रोल पंप के पास विनोद होटल के सामने बनने वाले कॉम्पलेक्स के नक्शे की स्वीकृति की एवज में एक ८० लाख रुपए कीमत की एक दुकान की बेनामी रजिस्ट्री कराने का आरोप है। दुकान की रजिस्ट्री पांच लाख में किया जाना बताया है। इस मामले में भी आरोपितों को एसीबी अलग से कार्रवाई करेगी।
हजारों साल पुरानी पुष्कर घाटी में बनी टनल

मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के तहत पुष्कर घाटी पर सुरंग निर्माण से पूर्व सर्वे के लिए कम्पनी वेपकॉप्स ने अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा तथा अन्य अधिकारियों के समक्ष तैयार रिपोर्ट का प्रजेंटेशन दिया। कम्पनी ने सुरंग के लिए तीन अलाइनमेंट बताने के साथ ही इन पर खर्च होंने वाली राशि तथा लम्बाई चौड़ाई की जानकारी भी दी है।
कम्पनी ने पुष्कर घाटी पर ट्रेफिक सर्वे कर भविष्य में ट्रेफिक दवाब की स्थिति तय की है। अब एडीए अधिकारी इन तीन में से एक अलाइनमेंट का निर्धारण करेंगे। इसके बाद कम्पनी फिजिबिलिटी सर्वे करेगी। अजमेर-पुष्कर के बीच आवागमन की सुविधा एवं दुर्घटनाएं रोकने के लिए वैकल्पिक सुरंग का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इस पर 55 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सुरंग की लम्बाई 300 से 1500 मीटर तक हो सकती है। सर्वे रिपोर्ट के बाद टेंडर प्रकिया शुरू होगी। सुरंग निर्माण के लिए रॉक टेस्ट, सर्वे के लिए वन विभाग से अनुमति तथा टनल निर्माण के लिए भी वन विभाग से एनओसी लेनी होगी। एंट्री व एक्जिट के ६ प्वाइंट चिह्नित किए हैं।
 
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.