दूसरी ओर वास्तविकता यह है कि केंद्र सरकार ने समय रहते कोरोना के बढ़ते प्रकोप से सचेत करते हुए चिकित्सा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए वित्तीय सहायता, ऑक्सीजन प्लांट के साज सामान, जीवन रक्षक वेल्टीनेटर, रेमेडसिवर इंजेक्शन, वैक्सीन व आवश्यक दवाइयांओ की समय रहते आपूर्ति करते हुए तैयारियों के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी गहलोत सरकार ने आमजन की परवाह नही की।
केन्द्र के संसाधनों का दुरुपयोग भूतड़ा ने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार कोरोना के बढ़ते प्रकोप से लडऩे की तैयारियों की बजाय केंद्र से भेजे गए वेंटिलेटर, ऑक्सनीजन प्लांट की तैयारी, रेमेडसिवर इंजेक्शन, वैक्सीन, ऑक्सीजन प्लांट को लेकर मनमाने तरीके से काम करती रही। सरकार मुख्यमंत्री कोविड रिलीफ कोष में जमा हुए 609.53 करोड़ मे से महज 210.47 करोड़ ही खर्च कर पाई। रेमेडसिवर इंजेक्शन की खेप पंजाब को भेज कर असंवेदिनशीलता दर्शाई जो बाद में नहरों में बहते देख गए।
ब्यावर विधायक रावत ने हड़ताल की दी चेतावनी ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में कोविड 19 के मरीजों के लिए इंतजाम के मामले में प्रदेश सरकार पूरी तरह फैल हो गई है। उन्होंने कहा कि राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय में पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई नहीं दी जा रही है। ऑक्सीजन के कारण लोगों की जान जा रही है। दो दिन में ऑक्सीजन सप्लाई सहित अन्य सुविधा में सुधार नहीं हुआ तो उपखंड कार्यालय के सामने धरना दिया जाएगा। उन्होंने भूख हड़ताल की चेतावनी भी दी है।
ऑक्सीजन सप्लाई में पक्षपात विधायक रावत ने बुधवार को सेंदडा रोड स्थित विधायक कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अजमेर के जेलएन अस्पताल में 650 में मरीज भर्ती है। वहां 2200 सिलेंडर की व्यवस्था की जा रही है, जबकि अमृतकौर चिकित्साल में 130 मरीज भर्ती है, उन्हें महज साठ सिलेंडर दिए जा रहे हैं। ऐसे में मरीजों की घुटती सांसों के सामने परिजन बेबस है।
रावत ने कहा कि अमृतकौर चिकित्सालय में पाली, राजसमन्द, भीलवाड़ा तथा अजमेर जिलों के करीब 130 मरीज भर्ती है। जबकि ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था 60 मरीजों को ही मिल रही है। अजमेर जिले के अस्पतालों में मात्र 650 में मरीज भर्ती है जबकि 2200 सिलेंडर की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने सरकार व प्रशासन के समक्ष सवाल किया कि आखिर ऐसा अन्याय ब्यावर की जनता के साथ क्यो किया जा रहा है।
यह भी लगाए आरोप अमृतकौर चिकित्सालय ब्यावर में कोविड 19 वार्ड में साफ सफाई की व्यवस्था नही हो रही है। मरीजो के परिजनों के साथ भी स्टाफक़र्मियो द्वारा सही बर्ताव नही किया जा रहा है। चिकित्सालय में काफी समय से चिकित्सको को लगाने की मांग की जा रही है। चिकित्सा मंत्री अजमेर जिले से होने के बावजूद कमी पूरी नहीं की जा रही।