मामले में खास यह है कि नगर निगम वहां भी डेयरी खोलने की अनुमति दे रहा है जहां उसका क्षेत्राधिकार नहीं है। प्राधिकरण के योजना क्षेत्र में अनुमति देने का हक प्राधिकरण को ही है जबकि यहां नगर निगम Municipal Corporationअनुमति दे रहा है। जबकि नगर निगम प्राधिकरण क्षेत्र में सडक़ों पर झाड़ू लगाने का पैसा भी प्राधिकरण से वसूलता है। जबकि डेयरी बूथों से प्रतिमाह किराया भी नगर निगम वसूल रहा है।
प्राधिकरण ने जताया विरोध
प्राधिकरण ने जताया विरोध
प्राधिकरण आयुक्त रेणु जयपाल ने नगर निगम को पत्र लिख कर प्राधिकरण की भूमि पर स्थापित आवंटित किए जा रहे डेयरी बूथों की अनापत्ति प्रमाण पत्र नगर निगम द्वारा बिना प्राधिकरण की स्वीकृति लिए दिया जा रहा है। यह अनुचित है भविष्य में प्राधिकरण से अनापत्ति ली जाए। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि उसकी भूमि पर स्थापित ऐसे डेयरी बूथों को अवैध/ अतिक्रमण मानते हुए कार्यवाही की जाएगी। प्राधिकरण आयुक्त ने सहायक अभियंता को नगर निगम कमिश्नर के पास भेजते हुए विरोध भी जताया।
कार्यवाही विधि सम्मत नहीं
कार्यवाही विधि सम्मत नहीं
जिला बूथ आवंटन कमेटी के सदस्य विपिन बैंसिल ने प्राधिकरण की अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही का विरोध किया है। बैंसिल के अनुसार प्राधिकरण की कार्यवाही विधि सम्मत नहीं है। प्राधिकरण को पहले डेयरी बूथ आवंटियों को नोटिस देना चाहिए था इसके बाद कार्रवाही करनी चाहिए थी।
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