जांच की सहमति, भुगतान की नहीं प्राधिकरण सचिव के अनुसार कंपनी ने कहा कि हमने जांच करने के लिए सहमति दी थी, जांच के भुगतान के लिए नहीं। प्राधिकरण सचिव ने कम्पनी को पत्र लिख कर कहा था कि सॉफ्टवेयर निम्न श्रेणी का है और इसमें जांच के दौरान गंभीर कमियां पाई गई है। लेकिन कंपनी ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि हमें जो काम बताए थे हमने वह काम कर दिए।
सामने आई हैं यह गड़बडि़यां जांच के अनुसार आउट ऑफ सपोर्ट विंडो 2003 खुद माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ही 2015 में बंद कर चुकी है। इसके बावजूद प्राधिकरण में ठेका कंपनी 2021 तक इसका मेंटेनेंस करती रही और मेंटीनेंस के नाम पर करोड़ों का भुगतान उठाया। सॉफ्टवेयर का लाइसेंस और मूल दस्तावेज प्राधिकरण के पास ही नहीं है। कंपनी ने सभी की कॉपी बनाकर 6 महीने में दी है। प्राधिकरण में आज भी 18 साल पुरानी तकनीक काम में ली जा रही है। सरवर 2003 उपयोग में लिया जा रहा है।
फाइल ट्रेकिंग सहित अन्य काम बंद प्राधिकरण में चल रहा सॉफ्टवेयर न पब्लिक के काम आ रहा न कार्यालय के ही। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी ऑफिस सॉफ्टवेयर का उपयोग नहीं हो पा रहा है। आमजन की फाइलों की ट्रैकिंग बंद है।
इनका कहना है कम्पनी का जवाब आ गया है। इसका परीक्षण किया जा रहा है। इसके बाद निर्णय लिया जाएगा। किशोर कुमार, सचिव, अजमेर विकास प्राधिकरण