57 लाख का कम्प्यूटर अब 70 लाख में तीन साल पहले स्मार्ट सिटी ने 57 लाख रुपए का आवंटन किया था। जिस पर भारत सरकार की एडवाइजरी के अनुसार स्मार्ट सिटी को ही यह कार्य किया जाना था। मगर स्मार्ट सिटी की प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कम्पनी (पीएमसी) ने इसकी डीपीआर ही नहीं बनाई। नतीजा यह निकला कि 45 लाख के कंप्यूटर 70 लाख रुपए में खरीदने पड़ रहे हैं।
बिना एस्टीमेट हो रहा काम प्राधिकरण के वर्क स्टेशन के लिए प्राधिकरण ने अगस्त 2021 में 30 लाख का ठेका निकाला था। लेकिन किसी कम्पनी ने रुचि नहीं दिखाई। प्राधिकरण ने पुन: ठेका करते हुए जेम पोर्टल से खरीदारी के लिए मार्च 2022 निविदाएं आमंत्रित की। इसमें प्राधिकरण की वर्तमान सेवा प्रदाता कंपनी भी शामिल हुई।
हैरत की बात है कि रेट का जस्टिफिकेशन मांगे जाने पर जेम पोर्टल से खरीदारी की जगह प्राधिकरण के लेखा शाखा से राज कॉम से ठेका करवाने के लिए और सामग्री मंगवाने के लिए डिमांड भेज दी गई। जिस पर एक ही सामग्री की 3 दिन में अलग-अलग रेट प्राप्त हुई। 57 लाख दोबारा रेट रिवाइज करते हुए 69.25 लाख रुपए का डिमांड नोट प्राप्त हुआ।
45 लाख में मिल रहा लेकिन लेने को तैयार नहीं इसी बीच जेम पोर्टल पर भाग लेने वाली कम्पनी ने 45 लाख रुपए में सामग्री देने का प्रस्ताव एडीए को भेज दिया है। मगर लगभग 25 लाख रुपए अधिक चुकाए जाने पर भी जिम्मेदार मौन हैं। यह कम्पनी पूर्व में सेना सहित अन्य सरकारी विभागों को भी कम्प्यूटर की सप्लाई कर चुकी है।
कलक्टर तक पहुंची शिकायत पूर्व पार्षद अशोक मलिक ने इस मामले की शिकायत जिला कलक्टर और प्राधिकरण अध्यक्ष अंश दीप व प्राधिकरण आयुक्त को करते हुए जांच की मांग की है।