अजमेर

पीडब्ल्यूडी ने एडीए से कहा- सडक़ आप ही संभालो, एडीए ने दी काम बंद की चेतावनी

अटक सकता है सडक़ फोर लेन का काम, शास्त्री नगर-जनाना अस्पताल सडक़ का मामला

अजमेरJul 10, 2019 / 05:52 pm

Preeti

Babatpur Four Lane

भूपेन्द्र सिंह .
अजमेर. शहर की प्रमुख सडक़ शास्त्री नगर-जनाना अस्पताल मार्ग के द्वितीय चरण में फोरलेन किए जाने पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। सडक़ का मालिकाना हक रखने वाले सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) तथा सडक़ के फोरलेन का काम कर रहे अजमेर विकास प्राधिकरण (एडीए) सडक़ को लेकर आपस में ही उलझ रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी इस सडक़ को एडीए को हस्तांतरित करना चाहते हैं वहीं एडीए यह सडक़ लेने को तैयार नहीं है।
दरअसल शास्त्री नगर पुलिस चौकी से लोहागल ग्राम तक सडक़ चौड़ी करने के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने ऑनलाइन आवेदन भी किया। लेकिन वन विभाग का कहना है कि जो विभाग निर्माण करवा रहा है, वही मंजूरी के लिए आवेदन भी करे। इसे लेकर पीडब्ल्यूडी अधीक्षण अभियंता अविनाश शर्मा ने एडीए आयुक्त को पत्र लिख कर कहा कि सडक़ एडीए ही संभाले। इसमें तर्क दिया गया है कि गत 2 जुलाई को हुई बैठक में उपवन संरक्षक ने यह निर्देश दिए थे कि जिस विभाग द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है उसे ही वन विभाग से अदेयता प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अपनाई जानी है। उधर एडीए सचिव इंद्रजीत सिंह ने पीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव को खारिज करते हुए फोरलेन का काम बंद कर टेंडर निरस्त करने की चेतावनी दे दी है।
यूजर एजेंसी है पीडब्ल्यूडी

एडीए की ओर से पीडब्ल्यूडी को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि सडक़ का मालिकाना हक पीडब्ल्यूडी का है। एडीए ने केवल जनहित में पीडब्ल्यूडी की एनओसी के बाद फोरलेन तथा डिवाइडर व लाइटिंग का काम दो साल पूर्व शुरू किया। वन संरक्षण अधिनियम के तहत सामान्य स्वीकृति के तहत धारा-2 में वन विभाग की 0.965 हैक्टेयर भूमि के प्रत्यावर्तन की कार्यवाही पीडब्ल्यूडी द्वारा ही की जानी है। मामले में पीडब्ल्यूडी यूजर एजेंसी तथा एडीए कार्यकारी एजेंसी है। ऐसे में अनुमति लेनी की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की है।
हाइवे से जोड़ती है सडक़

यह सडक़ अजमेर की मुख्य सडक़ (एमडीआर) है। इस सडक़ पर राजस्थान सरकार के मुख्य विभाग एवं संस्थान हैं। इनमें प्रमुख रूप से जनाना अस्पताल, आईजी स्टाम्प, निजी कॉलेज व आईटीआई स्थापित हैं। यह मुख्य सडक़ एनएच 79 से जोड़ती है। इससे नागौर, बीकानेर, जयपुर व सीकर के लिए सीधे ही जाया जा सकता है। प्राधिकरण ने प्रथम चरण में लोहागल गांव से जनाना अस्पताल तिराहे तक सडक़ को फोरलेन करते हुए डिवाइडर बनाया है तथा सडक़ पर लाइटें भी लगाई हैं। दूसरे चरण के लिए एडीए ने तीन करोड़ के टेंडर जारी किए हैं।
इनका कहना है

एडीए द्वारा समय-समय पर विभिन्न विभागों की सम्पत्तियों पर जनहित में विकास कार्य करवाया जाता है। स्वामित्व सम्बन्धित विभाग का ही रहता है। हम जनहित में सडक़ को फोर लेन कर रहे हैं।
-निशांत जैन, आयुक्त एडीए

 
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