क्या हैं कारण अधिकारियों के तालमेल के अभाव में पट्टों को जारी नहीं किया जा रहा है। नगरपालिका के सूत्रों के अनुसार सोमवार तक 600 से अधिक पत्रावलियां पूर्ण होकर इन शिविरों के माध्यम से जमा हो चुकी थी, लेकिन इनके पट्टे जारी नहीं किए जा सके है। गौरतलब है कि नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी का पद डेढ़ वर्ष से अधिक समय से रिक्त पड़ा है। धौलपुर नगरपरिषद के सहायक अभियंता के पास राजाखेड़ा का अतिरिक्त प्रभार है, जो समयाभाव के चलते राजाखेड़ा के कार्यों को नहीं देख पा रहे है। वहीं अप्रत्यक्ष राजनीतिक दवाब से पट्टे जारी करने के आरोप भी सामने आ रहे हैं। तकनीकी अधिकारियों की कमी भी एक बड़ा कारण बन रही है। लेकिन इन सब में ***** रहे है। आम आदमी जो वर्षो से पट्टों की आस लगाए बैठे हैं।
कैसे हो आवास योजना सफल
गरीब को घर के उद्देश्य से शहरी गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना लागू की गई है, लेकिन गरीबों को आबादी क्षेत्र में पट्टा वितरण का कार्य लंबे समय से बंद पड़ा हुआ था। ऐसे में योजना का लाभ आम लाभार्थियों तक पहुंच ही नहीं पा रहा था, क्योंकि पट्टे के अभाव में उनको योजना का लाभ मिल ही नहीं सकता। ऐसे में बड़ी संख्या में शहरी गरीब इन शिविरों से आस लगाए बैठे थे, जो अब निराशा में तब्दील हो रही है।
कार्यालय खाली, कर्मचारी शिविरों में शिविरों के चलते सभी विभागों के कर्मचारी और अधिकारियों की ड्यूटी शिविरों में लगा दी गई है। ऐसे में पहले से ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे विभागों में सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है। शिविरों में भी काम नहीं होने से सरकार को दोहरा नुकसान हो रहा है।
इनका कहना है
कुछ तकनीकी कारणों से पट्टा वितरण में देरी हुई है। जिसका समाधान कर लिया गया है। अब पट्टा वितरण कार्य को गति दी जा रही है। जिला कलक्टर और विधायक स्वयं इसे गंभीरता से ले रहे है।
वीरेंद्र सिंह जादौन, अध्यक्ष नगरपालिका, राजाखेड़ा।