अजमेर

लालफीताशाही में उलझे प्रशासन शहरों के संग शिविर

आमजन का हो रहा मोह भंग , अब तक मात्र 100 पट्टो का ही वितरण
राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे प्रशासन शहरों के संग अभियान से आमजन का मोह भंग होने लगा है। इन शिविरों में आशातीत भीड़ जुटाकर उनके महत्वपूर्ण कार्यो को पूरा करने का उद्देश्य ठंडे बस्ते में जाता प्रतीत हो रहा है।

अजमेरNov 23, 2021 / 01:18 am

Dilip

लालफीताशाही में उलझे प्रशासन शहरों के संग शिविर

राजाखेड़ा. राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे प्रशासन शहरों के संग अभियान से आमजन का मोह भंग होने लगा है। इन शिविरों में आशातीत भीड़ जुटाकर उनके महत्वपूर्ण कार्यो को पूरा करने का उद्देश्य ठंडे बस्ते में जाता प्रतीत हो रहा है। जिसके चलते अब यह शिविर खानापूर्ति बनते नजर आ रहे है। इनमें आमजन की जगह प्रशासनिक अमला आराम फरमाता नजर आ रहा है, लेकिन जिला प्रशासन के निरीक्षणों के अभाव में इन शिविरो में सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य पट्टा वितरण ही अब बाधित हो रहा है। लक्ष्य के विपरीत प्रगति भी गिरावट की ओर जा रही है। 8 नवंबर को वित्त आयोग अध्यक्ष प्रद्युम्न सिंह की उपस्थिति में नगरपालिका द्वारा घोषणा किए गए 200 लाभार्थियों तक को पट्टे वितरित नहीं किए गए है, जो क्षेत्र में एक मुद्दा बनकर प्रशासनिक विफलता का उदाहरण बनता जा रहा है। ऐसे में लगभग 600 अन्य आवेदक भी पट्टा मिलने की आस छोड़ते जा रहे हैं।
क्या हैं कारण

अधिकारियों के तालमेल के अभाव में पट्टों को जारी नहीं किया जा रहा है। नगरपालिका के सूत्रों के अनुसार सोमवार तक 600 से अधिक पत्रावलियां पूर्ण होकर इन शिविरों के माध्यम से जमा हो चुकी थी, लेकिन इनके पट्टे जारी नहीं किए जा सके है। गौरतलब है कि नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी का पद डेढ़ वर्ष से अधिक समय से रिक्त पड़ा है। धौलपुर नगरपरिषद के सहायक अभियंता के पास राजाखेड़ा का अतिरिक्त प्रभार है, जो समयाभाव के चलते राजाखेड़ा के कार्यों को नहीं देख पा रहे है। वहीं अप्रत्यक्ष राजनीतिक दवाब से पट्टे जारी करने के आरोप भी सामने आ रहे हैं। तकनीकी अधिकारियों की कमी भी एक बड़ा कारण बन रही है। लेकिन इन सब में ***** रहे है। आम आदमी जो वर्षो से पट्टों की आस लगाए बैठे हैं।
कैसे हो आवास योजना सफल
गरीब को घर के उद्देश्य से शहरी गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना लागू की गई है, लेकिन गरीबों को आबादी क्षेत्र में पट्टा वितरण का कार्य लंबे समय से बंद पड़ा हुआ था। ऐसे में योजना का लाभ आम लाभार्थियों तक पहुंच ही नहीं पा रहा था, क्योंकि पट्टे के अभाव में उनको योजना का लाभ मिल ही नहीं सकता। ऐसे में बड़ी संख्या में शहरी गरीब इन शिविरों से आस लगाए बैठे थे, जो अब निराशा में तब्दील हो रही है।
कार्यालय खाली, कर्मचारी शिविरों में शिविरों के चलते सभी विभागों के कर्मचारी और अधिकारियों की ड्यूटी शिविरों में लगा दी गई है। ऐसे में पहले से ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे विभागों में सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है। शिविरों में भी काम नहीं होने से सरकार को दोहरा नुकसान हो रहा है।
इनका कहना है
कुछ तकनीकी कारणों से पट्टा वितरण में देरी हुई है। जिसका समाधान कर लिया गया है। अब पट्टा वितरण कार्य को गति दी जा रही है। जिला कलक्टर और विधायक स्वयं इसे गंभीरता से ले रहे है।
वीरेंद्र सिंह जादौन, अध्यक्ष नगरपालिका, राजाखेड़ा।

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