अजमेर में महिला एवं बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज, महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय और अन्य संस्थानों में मास्टर ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स संचालित है। बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रबंधन की 120 सीट हैं। केंद्रीयकृत प्रवेश परीक्षा (सीमेट) से दाखिलों के बावजूद यहं प्रबंधन कोर्स की स्थिति नाजुक है। महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में तो मौजूदा सत्र में प्रवेश शून्य है।
गिरने लगा दाखिलों का ग्राफ
पत्रिका ने हाल में अजमेर के संस्थानों में सर्वेक्षण किया। इसमें चौंकाने वाली स्थिति सामने आई। तीन-चार संस्थानों में करीब 150 विद्यार्थियों से बातचीत की गई। इनमें से 85 फीसदी से ज्यादा विद्यार्थियों ने बीए/बी.कॉम/बीएससी या एलएलबी, एमए, एमएससी, एम. कॉम डिग्री लेना ज्यादा पसंद किया। 10-15 फीसदी विद्यार्थियों ने ही एमबीए को करने को प्राथमिकता दी।
पत्रिका ने हाल में अजमेर के संस्थानों में सर्वेक्षण किया। इसमें चौंकाने वाली स्थिति सामने आई। तीन-चार संस्थानों में करीब 150 विद्यार्थियों से बातचीत की गई। इनमें से 85 फीसदी से ज्यादा विद्यार्थियों ने बीए/बी.कॉम/बीएससी या एलएलबी, एमए, एमएससी, एम. कॉम डिग्री लेना ज्यादा पसंद किया। 10-15 फीसदी विद्यार्थियों ने ही एमबीए को करने को प्राथमिकता दी।
कोर्स से मुंह मोड़ रहे नौजवान साल 2004-05 तक एमबीए कोर्स की तरफ युवाओं में खासा रुझान था। देश के नामचीन आईआईएम और निजी मैनेजमेंट संस्थानों, विश्वविद्यालयों और कॉलेज में एमबीए की तमाम सीट भर जाती थी। लेकिन 10-12 साल में एमबीए का ग्राफ लगातार लुढक़ रहा है। इस कोर्स में युवाओं की रुचि घट रही है। डिग्री के बावजू अच्छे पैकेज नहीं मिलने, कम्पनियों-संस्थानों को मनमाफिक दक्ष युवा नहीं मिलना इसकी प्रमुख वजह है। हाल में राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने एमबीए संस्थानों की रैंकिंग जारी की है। इनमें एकाध ही स्तरीय पाए गए हैं।
दूसरे कोर्स पहली पसंद विद्यार्थी अब इंजीनियरिंग, मेडिकल के अलावा कला, वाणिज्य या विज्ञान संकाय के नियमित कोर्स, शॉट टर्म उद्यमिता एवं कौशल पाठ्यक्रम, डिप्लोमा कोर्स को ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं। इनमें खुद का उद्यम लगाने या रोजगार प्राप्ति के अवसर ठीक है। अलबत्ता महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में एमबीए की सीट पर प्रवेश नहीं घटे हैं। इसी तरह निजी विश्वविद्यालयों में भी सीट भर रही हैं। हालांकि सावित्री कन्या महाविद्यालय, श्रमजीवी सहित कई कॉलेज एमबीए कोर्स बंद कर चुके हैं।