विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा फूड सेफ्टी ऑन व्हील वैन प्राप्त हुई है। इस वाहन में घरेलू उपयोग में लिए जाने वाले मसाले, घी, तेल, दूध, आटा, नमक आदि की ऑन स्पॉट सैम्पलिंग की जाकर मौके पर ही जांच कर शुद्धता परखी जा रही है। वाहन को प्रशासन शहरों की ओर, प्रशासन गांवों की ओर तथा चिरंजीवी स्वास्थ्य शिविरों में भेजा जाकर खाद्य सामग्री की जांच करवाई गई।
मसालों में रंग, चायपत्ती में डस्ट
मसालों में रंग, चायपत्ती में डस्ट
जांच टीम द्वारा ग्यारह शिविरों में 548 खाद्य पदार्थों की जांच की गई जिसमें 14 मसालों में कलर एवं चायपत्ती के एक नमूने में डस्ट मिली पाई गई। इसके बारे में उपभोक्ताओं को सूचित कर उपयोग में नहीं लेने को कहा गया।
जागरूकता करना उद्देश्य
जागरूकता करना उद्देश्य
उन्होंने बताया कि वाहन का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं में दैनिक जीवन में खान-पान की काम में ली जा रही समग्री की शुद्धता व सेहत के प्रति जागरूकता पैदा करना है। साथ ही नागरिकों को राइट-टू-फूड की उपयोगिता भी बताई जा रही है। ऑनस्पॉट परिणाम मिलने से उपभोक्ता अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर शुद्ध खाद्य सामग्री का उपयोग कर सकेगा।