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#changemaker : बोले वकील राजनीति को गंदा मानकर भागने से अच्छा है ,खुद की छवि को साफकर बनें चेंज मेकर

locationअजमेरPublished: May 17, 2018 04:06:27 pm

Submitted by:

सोनम

हम सभी को समझ लेना चाहिए कि जब तक हम राजनीति को गंदा मानकर इससे भागते रहेंगे, कुछ स्वार्थी तत्व नीचे से उपर तक राजनीति पर कब्जा किए रहेंगे।

advocates connected with change maker campaign for clean politics
अजमेर . हम सभी को समझ लेना चाहिए कि जब तक हम राजनीति को गंदा मानकर इससे भागते रहेंगे, कुछ स्वार्थी तत्व नीचे से उपर तक राजनीति पर कब्जा किए रहेंगे। हम विधानसभा, लोकसभा में प्रतिनिधि चुनकर भेजते हैं उससे सरकार बनती है हमारे पर शासन चलता है। इसके बावजूद राजनीति को उचित नहीं माना जाता। आम आदमी दूसरों को वोट देने तक सीमित है। राजनीति में ऐसे लोग बढ़ गए जिनके लिए यह सेवा नहीं बल्कि मेवा हासिल करने का माध्यम है। हर पार्टी में अच्छे लोग हैं लेकिन उन्हें समर्थन नहीं मिलता। स्वार्थी तत्वों का जमघट है।
advocates connected with change maker campaign for clean politics
अब यह तस्वीर बदलनी चाहिए।

राजस्थान पत्रिका व जिला बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को बार एसोसिएशन सभागार में
पत्रिका के चेंजमेकर अभियान के तहत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता बार अध्यक्ष अजय त्रिपाठी ने की जबकि मुख्य वक्ता महापौर एडवोकेट धर्मेन्द्र गहलोत रहे। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि नजरिया बदलेगा तो राजनीतिक का नजारा बदलेगा।
वकीलों ने किया संकल्प
वकील लाएंगे क्रांति, बनेंगे पत्रिका के चेंजमेकर अभियान का हिस्सा। इस आशय के साथ वकीलों ने संकल्प लिया कि वह राजनीति को स्वच्छ करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे,महिलाओं की भागेदारी बढ़ाई जाएगी और आपराधिक अतीत व अनैतिक राजनीतिज्ञों का साथ नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि बदलाव का नायक राजस्थान पत्रिका है। उन्होंने अजमेर की आनासागर झील का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले इसे गंदे नालों की झील कहा जाता था लेकिन अब यह विदेशी पक्षियों के आकर्षण का केन्द्र बन चुकी है।
लोगों के नजरिए के साथ झील का नजारा बदला है। उन्होंने कहा कि केवल पैसों का लेन देन ही भ्रष्टाचार या भ्रष्ट आचरण नहीं है, यदि कोई अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करें। उन्होंने कहा कि परिवार में भी शुरूआत राजनीति से होती है। उसे भी सभी को संतुष्ट करते हुए परिवार को खुशहाल रखने की नीति तय करनी होती है। लोग राजनेताओं पर टिप्पणी करते हैं लेकिन खुद राजनीति में आकर उसे स्वच्छ नहीं करना चाहते।
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