राज्य सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण के चलते विगत वर्ष पुष्कर पशु मेला आयोजन की इजाजत नहीं दी। इस वर्ष भी पुष्कर पशु मेले को कोरोना की भेंट चढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। नवम्बर माह को लेकर फिलहाल कोरोना की नई गाइड लाइन जारी भी नहीं हुई है लेकिन इससे पूर्व ही सितम्बर माह के अंत में ही पुष्कर पशु मेला निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए गए। इससे ना केवल किसान, पशुपालक एवं व्यापारी बल्कि जनप्रतिनिधियों ने भी रोष जाहिर किया है।
बेनीवाल कर चुके हैं निर्णय का विरोध नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पुष्कर पशु मेला निरस्त करने के निर्णय का विरोध कर चुके हैं। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि पुष्कर मेला नहीं भरा तो आंदोलन किया जाएगा। पुष्कर नागौर सीमा से सटा होने के साथ नागौर सहित प्रदेशभर के पशुपालक, व्यापारी इस मेले में पशुओं की खरीद-फरोख्त करने पहुंचते हैं।
बजरंगदल व विहिप ने भी की रोक हटाने की मांग अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद एवं राष्ट्रीय बजरंग दल के अजमेर शाखा के महामंत्री मुकेश वैष्णव ने जिला कलक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री से विश्व प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेला के आयोजन पर लगी रोक हटाने की मांग की है। संगठन के पदाधिकारियों ने इस संबंध में ज्ञापन देकर बताया कि पशु पालन व कुटीर उद्योग चलाने वाले मध्यम वर्ग का पशुपालन के साथ जीवन यापन करना मुश्किल है। ज्ञापन देने वालों में विभाग अध्यक्ष पं. किशन शर्मा, भीमदत्त शुक्ला, अजय जोतियाना, रविन्द्र नाथ योगी, तपेन्द्र, विजय पहलवान, कमल बंजारा, मंजीत सिंह, दिलीप सिंह, मदन गुर्जर आदि मौजूद रहे।