पुलिस के अनुसार परिवादी मलूसर रोड शांतिनगर निवासी राम सिंधी ने रिपोर्ट में बताया कि उसने स्वयं व भाई भगवानदास की शादी के लिए आशागंज स्थित चावला मैरिज ब्यूरो में 25 सितम्बर को सम्पर्क किया। मैरिज ब्यूरो के संचालक ने उन्हें उत्तरप्रदेश गोरखपुर में दो युवतियां बताई। ब्यूरो पर काम करने वाला कन्हैया साथी ओमप्रकाश, पत्नी और बहन के साथ उन्हें लड़की दिखाने ले गया। उसके एवज में आरोपियों ने आने-जाने का खर्चा, लड़की पसंद आने पर डेढ़ लाख रुपए लेना तय किया। 9 अक्टूबर को गोरखपुर में सुमन व रिया नाम की लड़की दिखाई। बातचीत के बाद ओमप्रकाश व कन्हैया ने 10 अक्टूबर को उससे डेढ़ लाख रुपए ले लिए।
घर में ही करा दी शादी
घर में ही करा दी शादी
आरोपियों ने परिवादी के भाई भगवानदास की शादी सुमन से घर में ही पंडित बुलाकर करवा दी। उसके पूछने पर कहा गया कि यहां शादी ऐसे ही होती है। उसने अपनी शादी के लिए कहा तो एक बार अजमेर जाकर आने की बात कहकर टाल दी।
मां-भाई के साथ स्टेशन से फरार दुल्हन
मां-भाई के साथ स्टेशन से फरार दुल्हन
परिवादी राम ने बताया कि वह भाई भगवानदास और दुल्हन सुमन को लेकर गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर आया। स्टेशन तक सुमन का भाई अनिल व मां भी साथ आए। स्टेशन पर दुल्हन के भाई व मां ने ट्रेन आने में समय लगने की बात कहते हुए कुछ खरीदारी करना बताया। आरोपी उससे दो हजार रुपए ले गए। काफी वक्त बीतने के बावजूद उनके नहीं लौटने पर ओमप्रकाश व कन्हैया से कहा तो आरोपियों ने उनका काम शादी कराने तक का बताया। तब आरोपियों की मिलीभगत कर धोखाधड़ी करने का आभास हुआ। पुलिस ने परिवादी की रिपोर्ट पर चावला मैरिज ब्यूरो आशागंज, लोहाखान प्रतापनगर निवासी कन्हैयासिंह और ओमप्रकाश के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया।