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पाकिस्तान को कुछ यूं फूंका अजमेर में, कुलभूषण केस ने भड़काया लोगों को

locationअजमेरPublished: Dec 31, 2017 07:56:43 am

Submitted by:

raktim tiwari

विष्य में अगर केन्द्र सरकार पाक नागरिकों को भारत आने की इजाजत देगी तो पाक नागरिकों को कार्यकर्ताओं के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा।

agitation against pakistan in ajmer

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कुलभूषण जाधव के परिजन के पाकिस्तान में अपमान के विरोध में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने आक्रोश रैली निकाली तथा कलक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन कर पुतला फूंका।

इससे पूर्व डाक बंगले पर एक सभा को संबोधित करते हुए महानगर मंत्री लेखराज सिंह राठौड़ ने कहा कि पाकिस्तान ने कूलभूषण जाधव की मां का अपमान नहीं अपितु भारत राष्ट्र के हर नागरिक की मां का अपमान है। भारत को पाकिस्तान से अपने सभी प्रकार के संबंध समाप्त कर लेने चाहिए।राठौड़ ने चेतावनी दी कि भविष्य में अगर केन्द्र सरकार पाक नागरिकों को भारत आने की इजाजत देगी तो पाक नागरिकों को कार्यकर्ताओं के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा।
इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष सरदारमल जैन, उपाध्यक्ष सत्यनारायण भंसाली, शशिप्रकाश इन्दौरिया, संजय तिवाड़ी, कैलाशसिंह भाटी, पं. किशन शर्मा, सुरेन्द्रसिंह सिसोदिया, ओमप्रकाश राय, भीमदत्त शुक्ला, चन्द्रप्रकाश, अनिल नरवाल, प्रशान्त यादव, रविन्द्र चौहान, नीरज पारीक, हेमन्त गहलोत, गौरव भाटी, सीमा गोस्वामी सहित अनेक कार्यक्रर्ता मौजूद थे। पुलिस कर्मियों से नोकझोंक : प्रदर्शन के दौरान कलक्ट्रेट में जाने के दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस कर्मियों के साथ नोकझोंक हुई। इसकी वजह से कार्यकर्ता मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए। आखिर एडीएम सिटी अरविन्द सेंगवा ने मुख्य द्वार पर आकर कार्यकर्ताओं से ज्ञापन लिया गया।
उर्स में दिख सकता है असर
जिस तरह पाकिस्तान ने कुलभूषण में हलकापन दिखाया है, उसका उर्स अगले साल उर्स में दिख सकता है। ख्वाजा साहब के उर्स में प्रतिवर्ष पाकिस्तान से करीब 500 से ज्यादा जायरीन आते हैं। इनकी अजमेर दरगाह में हाजिरी की तमन्ना रहती है। कुलभूषण की मां और पत्नी से मुलाकात कराने में जिस तरह पाकिस्तान ने अपनी असलियत दिखाई है, उसके चलते अगले साल वहां के जायरीन का आना टल सकता है। संभवत: भारत सरकार वहां के लोगों को वीजा जारी करने से मना कर सकती है। पूर्व में भी पठानकोट हमला, उरी हमले के विरोध के दौरान ऐसा हो चुका है।
अजमेर में होते रहे हैं प्रदर्शन
पाकिस्तानी जत्थे के खिलाफ अजमेर में हमेशा प्रदर्शन होते रहे हैं। 90 के दशक में भी पाकिस्तानी जत्थे का तत्कालीन नगर परिषद के सभापति वीर कुमार ने इस्तकबाल करने से मना कर दिया था। इसके बाद नगर निगम ने यह परम्परा पूरी तरह बंद कर दी।

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