script10 साल से ठंडे बस्ते में पड़ा है कृषि उपज मंडी में दुकानों का आवंटन, आढ़तियां परेशान | agricultural produce market has been in cold storage for 10 years | Patrika News

10 साल से ठंडे बस्ते में पड़ा है कृषि उपज मंडी में दुकानों का आवंटन, आढ़तियां परेशान

locationअजमेरPublished: May 23, 2022 02:03:59 am

Submitted by:

Dilip

10-10 हजार रुपए की कटवा चुके हैं रसीद , अब तक नहीं मिली दुकान, खुले में व्यापार करने को मजबूर व्यापारी
बाड़ी कृषि उपज मंडी में दुकान आवंटन का काम विगत 10 वर्षों से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। जिसे लेकर मंडी में व्यापार करने वाले व्यापारी बेहद परेशान और नाराज हैं। व्यापारियों का कहना है कि वर्ष 2012 में कृषि उपज मंडी की ओर से दुकान आवंटन का प्रस्ताव लाया गया था।

10 साल से ठंडे बस्ते में पड़ा है कृषि उपज मंडी में दुकानों का आवंटन, आढ़तियां परेशान

10 साल से ठंडे बस्ते में पड़ा है कृषि उपज मंडी में दुकानों का आवंटन, आढ़तियां परेशान

बाड़ी. बाड़ी कृषि उपज मंडी में दुकान आवंटन का काम विगत 10 वर्षों से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। जिसे लेकर मंडी में व्यापार करने वाले व्यापारी बेहद परेशान और नाराज हैं। व्यापारियों का कहना है कि वर्ष 2012 में कृषि उपज मंडी की ओर से दुकान आवंटन का प्रस्ताव लाया गया था। जिसके अंतर्गत 10-10 हजार की रसीद भी काटी गई थी और जल्द ही दुकान आवंटन करने की बात कही थी। लेकिन, 10 साल गुजर जाने के बावजूद आज तक कोई भी दुकान आवंटित नहीं की गई। जिससे कृषि उपज मंडी में व्यापार करने वाले आढ़तिया और अन्य व्यापारी बेहद परेशान तथा रोष में हैं।
28 दुकानों की हुई थी लॉटरी, नहीं हुआ आवंटन
कृषि उपज मंडी व्यापारियों का कहना है कि 2012 में कृषि उपज मंडी प्रशासन की ओर से आवेदन करवा कर बाकायदा लॉटरी निकाली गई थी। जिसमें 28 दुकानों और कुछ भूखंड का आवंटन किया जाना सुनिश्चित किया गया था। जिनकी लॉटरी निकली थी, उनसे कृषि उपज मंडी प्रशासन ने 10-10 हजार रुपए जमा करवाए गए थे, लेकिन बाद में पूरा मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। ऐसे में मंडी के सब्जी और फल आढ़़तियां आज भी मंडी से मिलने वाली दुकान और भूखंडों का इंतजार कर रहे हैं।
हमारा पैसा भी फंसा और नहीं मिली सुविधा: व्यापारी।
कृषि उपज मंडी में काम करने वाले आढ़तियां जफर खान, पप्पू, सतीश, सौरभ, निजामुद्दीन, इस्लाम, ईशाक आदि ने बताया कि मंडी प्रशासन की ओर से विज्ञप्ति निकाली गई थी। जिनमें उन्हें लॉटरी से दुकान एवं भूखंडों का आवंटन हुआ था। जिसके तहत सारी फाइल तैयार कर और रसीद कटवाकर कार्यवाही के लिए आगे प्रेषित कर दिया गया था। लेकिन मामले को 10 वर्ष गुजरने के बाद भी आज तक न तो पैसे वापस आए और न ही हमें दुकानों का आवंटन हुआ।
जल्द ही होगा दुकानों का आवंटन: कैलाश चंद मीणा
वहीं मामले में धौलपुर मंडी सचिव कैलाश चंद मीणा का कहना है कि जो दुकान या प्लॉट आवंटित किए गए थे, उन सब की प्रक्रिया विचाराधीन है। मामले में एक दो बार कोर्ट का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब जल्द ही दुकानें आवंटित कर दी जाएंगी।
बाड़ी. मण्डी में खुले में फल रखकर व्यापार करते व्यापारी।

इनका कहना है
सरकारी ढांचा पूरी तरह लेटलतीफी पर आधारित होता है। जहां 1 वर्ष में सारी व्यवस्थाएं पूरी तरह बदल जाती हैं तो छोटी-छोटी दुकानों का आवंटन 10 वर्षों तक ना होना व्यापारियों के साथ अत्याचार से कम नहीं हैं।होतम सिंह, सब्जी विक्रेता
सरकारी योजनाओं का लाभ कभी भी योग्य व्यक्तियों को नहीं मिलता। जिस तरह से दुकानों का आवंटन किया गया होगा, निश्चित ही उसमें भी बंदरबांट हुई होगी। पुन: आवेदन करवा लॉटरी जारी करना अति आवश्यक है।मनोज शिवहरे, सब्जी विक्रेता
व्यापारियों के लिए सुरक्षित स्थान होना प्रशासन की जिम्मेदारी है, लेकिन इस तरह से 10 वर्ष तक आवंटन न होना सबसे बड़ा रोड़ा है।साबिर खान, सब्जी विक्रेता

जिला प्रशासन को जल्द ही इस मामले में कार्यवाही करनी चाहिए और पूरी पारदर्शिता के साथ पुन: आवेदन करवा तय सीमा के अंदर दुकानों का आवंटन किया जाना सुनिश्चित होना चाहिए।रियामुद्दीन खान, फल विक्रेता।
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