शहर में एक माह में ही आएगा बिल दो माह की मंथली बिलिंग का आदेश पर शहर की बिजली व्यवस्था संभाल रही टाटा पावर कम्पनी पर लागू नहीं होगा। शहर के लोगों को प्रतिमाह ही बिजली के बिल मिलेंगे। वहीं अजमेर शहर को छोड़कर पूरे जिले में अब दो माह में उपभोक्ताओं को दो माह में पूर्व की भांति बिजली बिल मिलेगा।
मंथली बिलिंग बिजली कम्पनियों पर भारी पड़ रही थी मंथली बिलिंग के लिए अजमेर डिस्कॉम की बिल प्रिन्टिंग,वितरण आदि का खर्चा दो गुना हो गया था। बिलिंग सिस्टम पुराना होने व तकनीकी रूप से सपोर्ट नहीं करने के कारण दिक्कतें आ रही थी। दो माह में मिलना वाला राजस्व भी एक माह में आधा ही मिल रहा था। अजमेर डिस्कॉम का बिल संग्रहण व वितरण का सालाना खर्च 6.50 करोड़ है। इसमें बिजली बिल की छपाई का खर्च शामिल नहीं है। यह राशि भी करोड़ों में हैं। निगम को मंथली बिलिंग के लिए 11 जिलों में 10-20 फीसदी स्टाफ अतिरिक्त की भी आवश्यकता है। इसके लिए निगम ने नॉन फील्ड काम कर रहे 80 जेईएन को फील्ड में उतारा गया है। इसके अलावा बड़ी संख्या में नॉन फीड काम कर रहे तकनीकी हेल्परों को भी फील्ड में उतारना पड़ा।
केवल अजमेर व भीलवाड़ा में हो सकी मंथली बिलिंग अजमेर विद्युत वितरण निगम के तहत आने वाले 11 जिलों के 12 सर्किलों में से केवल एक जिले के दो सर्किलों में ही उपभोक्ताओं की मंथली बिलिंग शुरु हो पाई है। शेष 10 जिलों में इस साल उपभोक्ताओं की मंथली बिलिंग नहीं हो सकी। निगम के अजमेर जिले के सिटी व ग्रामीण सर्किल में करीब पांच महीने से मंथली बिलिंग हो रही है। अजमेर जिला व सिटी सर्किल में सभी श्रेणी के कुल 4 लाख 83 हजार 45 उपभोक्ताओं को मंथली बिल जारी किए जा रहे हैं। वहीं भीलवाड़ा के सिर्फ शहरी क्षेत्र में ही मंथली बिलिंग का काम हो रहा है। जबकि भीलवाड़ा शेष जिला, उदयपुर, राजसमन्द, चित्तौड़, प्रतापगढ़, राजसमन्द, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, सीकर, झुंझुनू में मंथली बिलिंग नहीं हो रही है। अजमेर के अलावा अन्य 65 छोटे व शहरों में पिछले साल दिसम्बर तक इन शहरों के करीब 50 लाख उपभोक्ताओं को प्रतिमाह बिजली बिल जारी करना था।