अजमेर में पशुपालकों की संख्या एवं दुग्ध उत्पादन
-एक लाख पशुपालक जिले में।-70 हजार पशुपालक डेयरी में दूध की सप्लाई करते हैं।
-10 लाख लीटर दुग्ध का उत्पादन प्रतिदिन।
-4 से 5 लीटर दुग्ध अजमेर मंडी में भेजते हैं पशुपालक।
जिले में घी और मिल्क पाउडर का उत्पादन
-25000 मैट्रिक टन घी का प्रतिवर्ष उत्पादन अजमेर डेयरी में।
-10 मैट्रिक टन घी का उत्पादन प्रतिवर्ष उत्पादन पशुपालकों की ओर से।
-प्रतिवर्ष 2000 मैट्रिक टन दूध के पाउडर का उत्पादन।
ग्रामीण रोजगार दे रही समितियां डेयरी से जुड़ी जिलेभर में करीब 800 दुग्ध सहकारी समितियां हैं। इनके माध्यम से करीब 70 हजार से अधिक पशुपालक जुड़े हुए हैं। सुदूर गांवों में समितियां पशुपालकों व ग्रामीणों को रोजगार दे रही हैं।
भविष्य की योजनाएं, देशभर में उत्पाद की होगी सप्लाई -मक्खन की टिकिया का उत्पादन जल्द शुरू होगा।
-मिल्क पाउडर के छोटे पाउच बनेंगे, जो हवाई जहाज व ट्रेनों में मिल सकेंगे।
-आईस्क्रीम का उत्पादन होगा जल्द।
-वाइटनर पाउडर बनेगा जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट राजस्थान और देश में घी की बढ़ती मांग को देखते हुए डेयरी चार एसएमपी घी संग्रण प्लांट बना रही है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने एक स्टोरेज प्लांट तैयार कर दिया है। यहां 5000 मेट्रिक टन घी संग्रहित किया जा सकता है। अजमेर डेयरी स्किम मिल्क पाउडर संग्रहण शुरू कर चुका है। भविष्य में मक्खन की छोटी टिकिया, छोटे मिल्क पाउच,वाइटनर पाउडर, आइस्क्रीम का उत्पादन भी जल्द होगा।
रामचन्द्र चौधरी, अध्यक्ष अजमेर डेयरी