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दूध-घी उत्पादन में आत्मनिर्भर बना अजमेर, प्रदेश में भी आपूर्ति

locationअजमेरPublished: May 28, 2020 01:36:10 pm

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हवाई यात्रियों के लिए मिल्क पाउडर के छोटे पाउच व मक्खन टिकिया भी जल्द, अकेली अजमेर डेयरी करीब 70 करोड़ का टैक्स व जीएसटी दे रही सरकार को, ग्रामीण स्वरोजगार के लिए 800 दुग्ध सहकारी समितियां, पशुपालन ने अजमेर की दी नई ऊंचाइयां

दूध-घी उत्पादन में आत्मनिर्भर बना अजमेर, प्रदेश में भी आपूर्ति

दूध-घी उत्पादन में आत्मनिर्भर बना अजमेर, प्रदेश में भी आपूर्ति

चंद्रप्रकाश जोशी
अजमेर. राजस्थान में दुग्ध एवं घी के उत्पादन में अजमेर आत्मनिर्भर बन गया है। राज्य की सबसे बड़ी दूसरे नम्बर की अजमेर सरस डेयरी सालभर में करीब 2500 मैट्रिक टन देशी घी का उत्पादन कर रही है। जबकि प्रतिदिन अकेली डेयरी 5 लाख लीटर दूध की सप्लाई हो रही है। जिले में तो दूध का उत्पादन प्रतिदिन 10 लाख लीटर हो रहा है। अजमेर में खपत के बावजूद प्रदेशभर में दूध और घी की सप्लाई अजमेर डेयरी कर रही है। आगामी दिनों में हवाई यात्रियों के लिए दूध पाउडर के पाउच एवं मक्खन की टिकिया का भी उत्पादन भी किया जाएगा।
पशुपालन के क्षेत्र में पिछले कुछ सालों में अजमेर ने नया मुकाम हासिल किया है। पशुपालन को बढ़ावा मिलने एवं दूध की लागत अच्छी मिलने से किसानों का पशुपालन एवं डेयरी के प्रति भी रुझान बढ़ा है। स्थानीय रोजगार के क्षेत्र में पशुपालन अग्रणी है। प्रदेश की पहली कोल्ड चैन अजमेर डेयरी का सरकार को रेवेन्यू में भी बहुत बड़ा योगदान है।
अजमेर में पशुपालकों की संख्या एवं दुग्ध उत्पादन
-एक लाख पशुपालक जिले में।-70 हजार पशुपालक डेयरी में दूध की सप्लाई करते हैं।
-10 लाख लीटर दुग्ध का उत्पादन प्रतिदिन।
-4 से 5 लीटर दुग्ध अजमेर मंडी में भेजते हैं पशुपालक।
जिले में घी और मिल्क पाउडर का उत्पादन
-25000 मैट्रिक टन घी का प्रतिवर्ष उत्पादन अजमेर डेयरी में।
-10 मैट्रिक टन घी का उत्पादन प्रतिवर्ष उत्पादन पशुपालकों की ओर से।
-प्रतिवर्ष 2000 मैट्रिक टन दूध के पाउडर का उत्पादन।
ग्रामीण रोजगार दे रही समितियां

डेयरी से जुड़ी जिलेभर में करीब 800 दुग्ध सहकारी समितियां हैं। इनके माध्यम से करीब 70 हजार से अधिक पशुपालक जुड़े हुए हैं। सुदूर गांवों में समितियां पशुपालकों व ग्रामीणों को रोजगार दे रही हैं।
भविष्य की योजनाएं, देशभर में उत्पाद की होगी सप्लाई

-मक्खन की टिकिया का उत्पादन जल्द शुरू होगा।
-मिल्क पाउडर के छोटे पाउच बनेंगे, जो हवाई जहाज व ट्रेनों में मिल सकेंगे।
-आईस्क्रीम का उत्पादन होगा जल्द।
-वाइटनर पाउडर बनेगा जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट

राजस्थान और देश में घी की बढ़ती मांग को देखते हुए डेयरी चार एसएमपी घी संग्रण प्लांट बना रही है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने एक स्टोरेज प्लांट तैयार कर दिया है। यहां 5000 मेट्रिक टन घी संग्रहित किया जा सकता है। अजमेर डेयरी स्किम मिल्क पाउडर संग्रहण शुरू कर चुका है। भविष्य में मक्खन की छोटी टिकिया, छोटे मिल्क पाउच,वाइटनर पाउडर, आइस्क्रीम का उत्पादन भी जल्द होगा।
रामचन्द्र चौधरी, अध्यक्ष अजमेर डेयरी

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