दरअसल ख्वाजा साहब का उर्स 2 फरवरी से शुरू होगा। इससे पहले 29 जनवरी को उर्स का झंडा चढ़ाए जाने की रस्म अदा की जाएगी। उर्स को लेकर इन दिनों दरगाह में तैयारियां चल रही है। रंग-रोगन का कार्य भी चल रहा है। इस बीच गुरुवार को एक फोटो गुम्बद का वायरल हुआ जिसमें गुम्बद के एक हिस्से में कुछ दरारें नजर आ रही है। दरगाह कमेटी ने इसकी पड़ताल की तो सामने आया कि गुम्बद पर कलर करने से पहले कारिगरों ने घिसाई की है। इस दौरान हल्की दरारें नजर आई है। यह दरारें पूर्व में किए गए पीओपी में है न कि गुम्बद के मुख्य पत्थर में।
रंग की जगह कराएं संदला उधर खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सखी ने मांग की है कि गुम्बद पर पुट्टी के बजाय संदले का कार्य करवाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले गुम्बद पर संदले का कार्य ही किया जाता रहा है। इससे गुम्बद मजबूत के साथ खूबसुरत नजर आता है।
29 जनवरी को उर्स का झंडा चढ़ाया जाएगा सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 810वां उर्स आने वाला है। दस दिन बाद 29 जनवरी को उर्स का झंडा चढ़ाया जाएगा और 2 फरवरी से उर्स शुरू हो जाएगा। इस बार अजमेर आने से पहले अपने दुआगो (दरगाह के खादिम) से एक बार बात अवश्य कर लें।
अजमेर. ख्वाजा साहब के 810 वें उर्स को लेकर हाल जिला कलक्टर की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें कहा गया है कि कोरोना को देखते हुए राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार ही सभी कार्य होंगे। राजस्थान में फिलहाल सरकार की क्या गाइड लाइन है और आगे कौनसी गाइड लाइन आ सकती है। यह जानने के लिए उर्स में बाहर से आने वाले मेहमानों को लगातार अपने दुआगो (दरगाह के खादिम) से सम्पर्क में रहना होगा। दरगाह तथा उर्स से जुड़े हुए व्यक्तियों, संस्थाओं एवं खादियों के माध्यम से यह अपील की जा रही है कि राज्य सरकार की गाइड लाइन की पालना करें। इसके अनुसार शनिवार रात्रि 11 बजे से सोमवार प्रात: 5 बजे तक जन अनुशासन कफ्र्यू लगाया गया है। इस कारण दरगाह एवं बाजार बंद रहेंगे। दरगाह में जायरीन को आने से बचना चाहिए। इस दौरान भीड़ से बचने की आवश्यकता है। राज्य सरकार की नई गाइड लाइन भी जारी हो सकती है।
