यह है मामला जयपुर की आरटीई ट्रांसफार्मंर कम्पनी का एक ट्रांसफार्मंर के सीटीएल लैब में फिजिकल वैरिफिकेशन के दौरान उसके ट्रांसफार्मंर के मीटर बॉक्स में कोई भी सामान उपलब्ध न होने पर वह फेल हो रहा था। इसकी जानकारी सीटीएल के जेईएन अंकित जैन ने एक्सईएन अशोक कुमार शर्मा को दी गई। एक्सईएन व जेईएन ने माल लौटाने के बजाय कम्पनी मालिक को यह सूचना दी।
ऐसे कर दिया फेल को पास एक्सईएन अपने क्रेटा वाहन से ट्रांसफार्मंर का मीटर बॉक्स लाकर 2 अगस्त को सीटीएल लैब में दोपहर लंच के दौरान स्वयं की उपस्थिति में एक प्राईवेट व्यक्ति योगेंद्र सिंह से ट्रांसफार्मंर का नया मीटर बॉक्स अपनी गाड़ी से उतरवाकर कर प्राईवेट व्यक्ति से वह बॉक्स उस ट्रांसफार्मंर में फिक्स करवाते हैं तथा उस फेल्ड/ खराब ट्रांसफार्मंर को फिजिकल वेरिफिकेशन में गलत तरीकों का उपयोग करते हुए पास करवा देते हैं।
……और इधर पास ट्रांसफार्मर का सैम्पल हो गया फेल इस वर्ष जनवरी में एक फर्मं विशेष का ट्रांसफार्मर जो कि सीटीएल लैब के टेस्ट में पास कर दिया गया था उसे अधीक्षण अभियंता (आईएंडएस) के औचक निरीक्षण कर पुन: टेस्ट करवाया तो वह ट्रांसफार्मंर फेल्ड पाया गया। इसके लिए एक्सईएन अशोक कुमार शर्मा व अन्य को चार्जशीट जारी की गई। जेईएन अंकित जैन को फर्म विशेष को लाभ पहुंचाने पर चार्जशीट जारी की गई थी।
एक्सईएन हाल हुए थे सस्पेंड एक्सईएन अशोक कुमार शर्मा ने अभी तक डिस्कॉम की पदार्थ प्रबन्धन (एमएम) विंग, स्टोर तथा सीटीएल विंग की मलाइदार पोस्ट पर ही नौकरी की है। एमएम विंग में इन्हें एक कम्पनी को अनुचित फायदा पहुंचाने पर निलम्बित कर दिया गया था।
इनका कहना है मेरे सामने ऐसा कुछ नहीं हुआ है, योगेन्द्र सिंह को मैं जानता हूं। यह लड़का फिजिकल वैरिफिकेशन करता है। पहले मेरी गलती थी इसलिए चार्जशीट मिली थी। मैने जवाब दिया है। एमडी ने रूटीन कामकाज में ही सस्पेंड कर दिया था। इस बारे मेें मैं अजमेर आकर बात करूंगा।
अशोक कुमार शर्मा, एक्सईएन (सीटीएल) अजमेर डिस्कॉम ट्रांसफार्मर के मीटर बॉक्स की एमसीबी में गड़बडी थी। इसकी जानकारी एक्सईएन को दी थी। इसके बाद फर्म के रिप्रेजेटेटिव के सामने इसे ठीक किया था। इसके बाद क्या हुआ मुझे नहीं पता।
अंकित जैन, जेईएन सीटीएल,अजमेर डिस्कॉम जनवरी में मैने टेस्ट किए गए सैम्पल का दोबार टेस्ट करवा तो ट्रांसफार्मर फेल पाया गया। इसकी रिपोर्ट की थी। इसके बाद एक्सईए, एईएन व जेईएन को चार्जशीट दी गई थी। अगस्त का मामला मेरी जानकारी में नहीं है।
एम.सी. बाल्दी,अतिरिक्त मुख्य अभियंता (मुख्यालय) अजमेर डिस्कॉम इस तरह करना गलत है, मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी। वी.एस.भाटी, एमडी अजमेर डिस्कॉम read more: लाखों की बिल प्रिंटिंग मशीनें हो रहीं कबाड़, डिस्कॉम ठेके पर करा रहा काम