ब्यावर-किशनगढ़ राजमार्ग पर नारेली स्थित हाड़ीरानी महिला बटालियन कैम्पस वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का अजमेरवासियों के लिए अनूठा उदाहरण है। बटालियन की डिप्टी कमांडेंट प्रीति चौधरी के नेतृत्व में बटालियन की महिला कांस्टेबल और पुरुष जवान ड्यूटी समय के अतिरिक्त पथरीली जमीन पर हरियाली लाने के प्रयास में जुटे है। जहां पूर्व में बटालियन परिसर में करीब पांच हजार पौधे लगाए जा चुके हैं वहीं बीते एक माह में 11 हजार पौधे लगाकर एक कीर्तिमान स्थापित किया है।
ये हैं कर्मवीर हाड़ीरानी बटालियन में हरियाली लाने का बड़ा श्रेय डिप्टी कमांडेंट प्रीति चौधरी और उनकी टीम को जाता है। चौधरी के साथ कम्पनी कमांडर पूजा तंवर, मेजर हवलदार गिरधारी सिंह, रणवीर सिंह, टील सिंह, जगदीश प्रसाद यादव, जगदीश मीणा, नवरंगसिंह और बाबूलाल शामिल है। जो दिनरात पोधों की बच्चों की तरह देखभाल, उन्हें खाद, पानी की जिम्मेदारी उठा रखी है।
पहली बारिश में लबालब हाड़ीरानी बटालियन परिसर में जल संसाधान विभाग ने डीएमएफटी फंड के जरिए नवम्बर 018 में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए 74 लाख रुपए की लागत से 30 फीट गहरा, 50 फीट लम्बा-चौड़ा वाटर पॉण्ड और बरसाती पानी की आवक के लिए पहाड़ी की तलहटी से चैनल (नाले) का निर्माण किया गया है। परिणाम स्वरूप मानसून की पहली बारिश में 30 फीट गहरा वाटर पॉण्ड लबालब हो चुका है। बटालियन के स्टाफ के आपसी सहयोग से फंड जुटाकर समरसिबल पम्प लगाकर पौधों को पानी पिलाने की व्यवस्था विकसित की है।
बूंद-बूंद सिंचाई का लक्ष्य हाड़ीरानी बटालियन के जवानों की मेहनत से परिसर को ग्रीन बनाने की लगातार कोशिश की जा रही है। काफी हद तक प्रयास में सफल भी हुए है। मानसून की शुरूआत के साथ ही राजस्थान पत्रिका के हरयाळो राजस्थान में बड़ी संख्या में पौधरोपण किया है। पौधों को जिन्दा रखने के लिए बूंद-बूंद सिंचाई सिस्टम विकसित किया जाएगा।
-प्रीति चौधरी, डिप्टी कमांडेंट हाड़ीरानी बटालियन