ताकत इज ऑफ लिविंग इंडेक्स में 12 वीं रैंक मिली। अजमेर ने का स्कोर 54.89 अंक रहा। इज ऑफ लिविंग इंडेक्स में चार स्तंभ शामिल थे। संस्थागत, साामाजिक,आर्थिक और भौतिक जिसे आगे 15 श्रेणियों में यथा शासन,पहचान और संस्कृति शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, सुलभ आवास, भूमि उपयोग, सार्वजनिक खुली जगह,परिवहन, जल आपूर्ति,अपशिष्ट जल प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, विद्युत आपूर्ति और पर्यावरण की गुणवत्ता में बांटा गया। इज ऑफ लिविंग इंडेक्स शहरों के सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक है।
कमजोरी लैंड यूज मास्टर प्लॉन नहीं होने, प्लॉन वायलेशन के मामले में प्रभावी कार्रवाई नहीं होना, सिंगल विंडो सिस्टम का प्रभावी नहीं होना, ग्रीन बिल्डिंग,अतिक्रमण की भरमार, बिल्डिंग से जुड़ी ऑन लाइन परमीशन जारी करने में ढिलाई, एनर्जी एफिसिएंशी , पार्किग, पार्क, साइकिल ट्रैक,फुटपाथ नहीं होने, सम्पर्क पोर्टल सहित अन्य मामलो के निस्तारण में ढिलाई, डाटा शेयर, ट्रैफिक मॉनेटरिंग में ढिलाई, वाईफाई, अरबन टेक्स वसूली में कमी, लोन लेने की क्षमता कम होने तथा मेयर का चुनाव आमजन के जरिए सीधे नहीं सहित अन्य कारण रहे जिससे अजमेर को म्यूनिसपल परफ ॉर्मेंस इंडेक्स में 41 रैंक हासिल हुई।
वैश्विक एवं राष्ट्रीय परिपेक्ष में आकलन में मिलती है मदद इज ऑफ लिविंग इंडेक्स सर्वेक्षण भारत सरकार के शहरी एवं आवासीय मंत्रालय की एक परिवर्तनकारी पहल है। जिसके माध्यम से शहरों को उनके रहने की जगह का वैश्विक एवं राष्ट्रीय परिपेक्ष में आकलन करने में मदद मिलती है। इज ऑफ लिविंग इंडेक्स सभी शहरों को शहरी नियोजन और प्रबंधन के लिए परिणाम आधारित दृष्टिकोण की ओर बढऩे शहरों के बीच स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है। इज ऑफ लिविंग इंडेक्स शहरों को उनकी ताकत, कमजोरियों,अवसरों ओर चुनौतियों के बारे में समग्र आकलन करने में मदद करता है।
इनका कहना है रैंकिग पहली बार जारी हुई है। इज ऑफ लिविंग में अजमेर ने बेहतर रैंक हासिल की है। म्यूनिसपल परफ ॉर्मेंस इंडेक्स को बेहतर किया जाएगा। इसके लिए निगम के बजट को भी बढ़ाने की आवश्यकता है।
डॉ. खुशाल यादव, कमिश्नर,नगर निगम तथा एसीईओ स्मार्ट सिटी अजमेर read more: एडीए ने रूडसिको को भेजी अधूरे काम की रिपोर्ट