रोजाना की तरह सुबह बादलों के झुंड आसमान में सिर्फ मंडराते नजर आए। कुछ देर की तांक-झांक के बाद सूरज निकल गया। दोपहर बाद बादल छंटे तो धूप निकली। इससे हल्की गर्माहट और उमस महसूस हुई। बादलों की खामोशी शाम तक नहीं टूटी। अजमेर सहित जिले के अधिकांश हिस्से बरसात को तरसते रहे। न्यूनतम तापमान 25.0 डिग्री रहा।
मानसून का नहीं अता-पता
जिले में मानसून का कहीं अता-पता नहीं है। बीती 7 जुलाई बाद कहीं छिटपुट फुहार या झमाझम बरसात नहीं हुई है। केवल बादलों की उमड़-घुमड़ और धूप-छांव का दौर चल रहा है। मानसून की सुस्ती से काश्तकारों की चिंता भी बढ़ गई है। इससे खेतों में फसल-बीज खराब होने की आशंका है। सिंचाई विभाग के अनुसार जिले में 1 जून से अब तक करीब सौ मिलीमीटर बरसात हुई है।
जिले में मानसून का कहीं अता-पता नहीं है। बीती 7 जुलाई बाद कहीं छिटपुट फुहार या झमाझम बरसात नहीं हुई है। केवल बादलों की उमड़-घुमड़ और धूप-छांव का दौर चल रहा है। मानसून की सुस्ती से काश्तकारों की चिंता भी बढ़ गई है। इससे खेतों में फसल-बीज खराब होने की आशंका है। सिंचाई विभाग के अनुसार जिले में 1 जून से अब तक करीब सौ मिलीमीटर बरसात हुई है।
जलाशयों में नहीं पर्याप्त पानी बरसात नहीं होने से जिले के अधिकांश जलाशय में पर्याप्त पानी नहींअजमेर आया है। इनमें राजियवास, बीर, मूंडोती, पारा प्रथम और द्वितीय, बिसूंदनी, मकरेड़ा, रामसर, अजगरा, ताज सरोवर अरनिया, नारायण सागर खारी, मान सागर जोताया, देह सागर बडली, भीम सागर तिहारी, खानपुरा तालाब शामिल है। इसी तरह चौरसियावास, लाकोलाव टैंक हनौतिया, पुराना तालाब बलाड़, जवाजा तालाब, देलवाड़ा तालाब, छोटा तालाब चाट, मान सागर जोताया और अन्य शामिल हैं।
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