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अजमेर का खानपुरा तालाब : कभी रहता था लबालब अब सूखे की मार

कम बरसात और मार्ग में अवरोध के चलते पानी की आवक थमी

अजमेरJun 13, 2019 / 08:10 pm

baljeet singh

खानपुरा तालाब : कभी रहता था लबालब अब सूखे की मार

बलजीत सिंह.अजमेर.
अजमेर जिले के सभी गांवों में कम से कम एक तालाब मिल जाएगा जिसमें मानसून के दौरान एकत्र जल फसलों की सिंचाई के काम आता है। सर्दियों के बाद अधिकांश तालाब जल दोहन और तेज गर्मी में सूख जाते हैं। लेकिन अजमेर के निकटवर्ती ग्राम खानपुरा का तालाब एक ऐसा अदद जलाशय है जो कभी नहीं सूखता था क्योंकि आनासागर झील के एस्केप चैनल के जरिए इस तालाब में पूरे साल पानी की आवक होती थी। लेकिन कम बरसात और मार्ग में अवरोध के चलते इसमें पानी की आवक कम हो गई है। तेज गर्मी के चलते इस बार तालाब सूखने की कगार पर पहुंच गया है।
पानी नहीं पीने योग्य :
ये अलग बात है कि खानपुरा तालाब का पानी कभी न तो पीने योग्य माना गया और न काश्त के लिए मुफीद रहा। लेकिन क्षेत्र के काश्तकार इसका बखूबी इस्तेमाल सब्जियों और चारे की काश्त में करते रहे हैं। आनासागर झील के एस्केप चैनल के पानी से खानपुरा तालाब लबालब रहा करता था। इस तालाब के भरने पर इसका ओवरफ्लो पानी दौराई, डूमाड़ा, नदी प्रथम व द्वितीय, पीसांगन व गोविंदगढ के तालाब से होते हुए जोधपुर के बिलाड़ा तक पहुंचता है। लेकिन नालों के जरिए पहुंचने से खतरनाक रसायनों से युक्त होने के कारण यह पानी पीने योग्य कभी नहीं रहा। ऐसे में जहां-जहां पानी खानपुरा व अन्य क्षेत्रों में पहुंचता है वहां का भूजल खारा हो जाता है। कुएं और हैंडपंप खारा पानी उगलते हैं। मवेशी भी इस पानी को पीने से पेट के रोग से पीडि़त हो जाते हैं। खारेपन के कारण सब्जियों व चारे की गुणवत्ता प्रभावित होती है और नहाने-धोने के काम में भी नहीं लिया जा सकता।
बन रहा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट :
खानपुरा तालाब में 30 करोड़ की लागत से 40 एमएलडी का सीवरेज सीवरेज ट्रीटमेंट तैयार किया जा रहा है। तालाब में पहले से ही 18 करोड़ की लागत से 20 एमएलडी क्षमता का ट्रीटमेंट बनकर छह साल पहले तैयार हो चुका है। शहर के अन्य दोनों सीवरेज प्लांट डिस्कॉम की बिजली से संचालित होंगे।
 
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