जिला पुलिस की प्रो-एक्टीव या स्मार्ट पुलिसिंग ही कहे। साल 2017 में वर्ष अपराध घटित होने के साथ-साथ पुलिस ने उनके निस्तारण की रफ्तार को भी बनाए रखा। यही कारण रहा कि प्रदेश में वारंटियों की धरपकड़ के साथ प्रकरणों के निस्तारण में अजमेर पुलिस अग्रणिय रहा। अजमेर जिले में साल 2017 में 10 हजार 133 प्रकरण विभिन्न धाराओं में दर्ज किए गए।
इसमें 6 हजार 794 आईपीसी की धारा में दर्ज किए गए तो 3 हजार 339 विभिन्न एक्ट में कार्रवाई की गई। खास बात यह रही कि इन दस हजार प्रकरण में से सिर्फ 613 प्रकरण ऐसे रहे जो पुलिस अनुसंधान में लंबित है। बाकि 94 फीसदी प्रकरण या तो अदालत में पहुंच गए या फिर पुलिस ने उस पर एफआर लगाकर अंतिम प्रतिवेदन पेश कर दिया।
पीसांगन थाना रहा अव्वल अजमेर जिले में 34 पुलिस थानों में प्रकरणों के निस्तारण में पीसांगन थाना सबसे अव्वल रहा। पीसांगन थाने में महज एक प्रतिशत लंबित है। पीसांगन थाने में 2017 में 152 मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से सिर्फ 2 प्रकरण जैर अनुसंधान रख गए हैं। दूसरे स्थान पर किशनगढ़ सर्किल का गांधीनगर थाना 2 फीसदी के साथ दूसरे व अरांई थाना 3 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर है।
इसी प्रकार अजमेर ग्रामीण सर्किल महज 5 फीसदी लंबित प्रकरण के साथ पहले स्थान पर है। बाकि जिले के सर्किल में दरगाह 6 फीसदी, ब्यावर व केकड़ी 7-7 फीसदी और अजमेर उत्तर, दक्षिण, किशनगढ़, नसीराबाद सर्किल में 9 फीसदी प्रकरण लंबित है।
आंकड़ों की जुबानी
कुल दर्ज प्रकरण : 10 हजार 133 आईपीएसी में दर्ज 6 हजार 794
एक्ट की कार्रवाई 3 हजार 339 अनुसंधान में लंबित 613
नोट-अजमेर पुलिस कन्ट्रोल रूम से प्राप्त आंकड़े
कुल दर्ज प्रकरण : 10 हजार 133 आईपीएसी में दर्ज 6 हजार 794
एक्ट की कार्रवाई 3 हजार 339 अनुसंधान में लंबित 613
नोट-अजमेर पुलिस कन्ट्रोल रूम से प्राप्त आंकड़े