यात्री सुविधाओं के मामले में रोडवेज के हाल बहुत खराब हैं। सरकार और अफसरों के दावे हकीकत से बिल्कुल उलट हैं। रोडवेज बस स्टैंड की नारकीय स्थिति है। सुविधाओं के नाम पर मुसाफिरों के लिए गर्मी और बदबूदार माहौल, उबलता पानी और सड़ांध मारते शौचालय हैं। एक्सप्रेस और लोकल बस में बैठे यात्री को प्यास लगे तो बोतल बंद ठंडा पानी खरीदने के अलावा कोई चारा नहीं है।
पत्रिका टीम ने रोडवेज बस स्टैंड का आकस्मिक दौरा किया। यहां भीषण गर्मी का जबरदस्त असर नजर आया। जयपुर, जोधपुर, कोटा, भीलवाड़ा जाने वाली लम्बी दूरी की बस में भीड़ नजर नहीं आई। लेकिन ग्रामीण इलाकों की लोकल बस में हालात बिल्कुल अलग दिखे। बस में यात्रियों की भीड़ से सांस लेना भी दुश्वार हो गया। एसी-वॉल्वो बस में तो रोडवेज यात्रियों को सुविधा देता है, लेकिन एक्सप्रेस और लोकल बसों में छोटे पंखे भी नहीं लगाए गए हैं। इनमें ज्यादा भीड़ होने पर लोगों को सांस लेने में भी दिक्कतें होती हैं।
वाटर कूलर से निकला गर्म पानी
डीलक्स प्लेटफार्म पर रोडवेज ने वाटर कूलर लगाया है। पत्रिका टीम ने यहां पानी चेक किया तो वह उबलता मिला। जयपुर से जोधपुर जा रहे यात्री सुभाष कुमार ने बताया कि ऐसे गर्म पानी को कोई पी नहीं सकता। अजमेर सहित ज्यादातर रोडवेज बस स्टैंड पर यही हाल हैं। यात्रियों को मजबूरी में बोतलबंद ठंडा पानी खरीदना पड़ता है। कोलकाता से अजमेर आए परवेज खान भी बोतलबंद पानी के साथ दिखे। पत्रिका के पूछने पर बताया कि वे पश्चिम बंगाल से जयपुर तक ट्रेन में आए। ना जयपुर ना अजमेर बस स्टैंड पर सुविधाएं मिलीं। वाटर कूलर में पानी गर्म मिला तो उन्हें बोतलबंद पानी खरीदना पड़ा।
डीलक्स प्लेटफार्म पर रोडवेज ने वाटर कूलर लगाया है। पत्रिका टीम ने यहां पानी चेक किया तो वह उबलता मिला। जयपुर से जोधपुर जा रहे यात्री सुभाष कुमार ने बताया कि ऐसे गर्म पानी को कोई पी नहीं सकता। अजमेर सहित ज्यादातर रोडवेज बस स्टैंड पर यही हाल हैं। यात्रियों को मजबूरी में बोतलबंद ठंडा पानी खरीदना पड़ता है। कोलकाता से अजमेर आए परवेज खान भी बोतलबंद पानी के साथ दिखे। पत्रिका के पूछने पर बताया कि वे पश्चिम बंगाल से जयपुर तक ट्रेन में आए। ना जयपुर ना अजमेर बस स्टैंड पर सुविधाएं मिलीं। वाटर कूलर में पानी गर्म मिला तो उन्हें बोतलबंद पानी खरीदना पड़ा।
पानी के लिए तीन प्याऊ
बस स्टैंड पर तीन प्याऊ लगी हैं। एक निकास द्वार, दूसरी एक्सप्रेस प्लेटफार्म और तीसरी डीलक्स प्लेटफार्म पर है। बस में बैठे किसी यात्री को प्यास लगे तो प्याऊ की तरफ दौडऩा पड़ता है। यहां भीड़ होने पर वाटर कूलर का सहारा लेना पड़ता है। यात्री कालू ने पत्रिका को बताया कि एक्सप्रेस प्लेटफार्म के प्याऊ और इसके वाटर कूलर में ही ठंडा पानी मिला है। बाकी कहीं भी ठंडा पानी उपलब्ध नहीं हुआ।
बस स्टैंड पर तीन प्याऊ लगी हैं। एक निकास द्वार, दूसरी एक्सप्रेस प्लेटफार्म और तीसरी डीलक्स प्लेटफार्म पर है। बस में बैठे किसी यात्री को प्यास लगे तो प्याऊ की तरफ दौडऩा पड़ता है। यहां भीड़ होने पर वाटर कूलर का सहारा लेना पड़ता है। यात्री कालू ने पत्रिका को बताया कि एक्सप्रेस प्लेटफार्म के प्याऊ और इसके वाटर कूलर में ही ठंडा पानी मिला है। बाकी कहीं भी ठंडा पानी उपलब्ध नहीं हुआ।
बदबूदार यात्री प्रतीक्षालय
बस स्टैंड का यात्री प्रतीक्षालय के हालात नारकीय मिले। पत्रिका टीम यहां विंडो एसी गर्म हवा फेंकता मिला। जयपुर की बस का इंतजार कर रही उर्मिला और रेखा ने बताया कि वह प्रतीक्षालय में एसी चलता देखकर बैठने गई थीं। लेकिन उमस और बदबू के कारण एक मिनट भी नहीं रुक पाई। यहां रेलवे प्रतीक्षालय की तरह पानी और साफ हवा, सफाई की कोई सुविधा नहीं है।
बस स्टैंड का यात्री प्रतीक्षालय के हालात नारकीय मिले। पत्रिका टीम यहां विंडो एसी गर्म हवा फेंकता मिला। जयपुर की बस का इंतजार कर रही उर्मिला और रेखा ने बताया कि वह प्रतीक्षालय में एसी चलता देखकर बैठने गई थीं। लेकिन उमस और बदबू के कारण एक मिनट भी नहीं रुक पाई। यहां रेलवे प्रतीक्षालय की तरह पानी और साफ हवा, सफाई की कोई सुविधा नहीं है।
प्लेटफार्म पर कुल 20 पंखे
बस स्टैंड पर बने प्लेटफार्म पर यात्रियों के लिए 20 पंखे ही चलते मिले। भीषण गर्मी और उमस में पंखों का कोई असर नहीं दिखा। यात्री रुमाल-कपड़े से हवा झलते नजर आए। मुख्य द्वार पर बनी पूछताछ विंडो, क्लॉक रूम के छत के नीचे पंखे ही नदारद मिले।
बस स्टैंड पर बने प्लेटफार्म पर यात्रियों के लिए 20 पंखे ही चलते मिले। भीषण गर्मी और उमस में पंखों का कोई असर नहीं दिखा। यात्री रुमाल-कपड़े से हवा झलते नजर आए। मुख्य द्वार पर बनी पूछताछ विंडो, क्लॉक रूम के छत के नीचे पंखे ही नदारद मिले।