scriptCity pride : London और Dubai तक छाईं Ajmer की बेटियां | Ajmer's name reached at national and international level | Patrika News

City pride : London और Dubai तक छाईं Ajmer की बेटियां

locationअजमेरPublished: Jan 24, 2020 06:40:35 pm

Submitted by:

dinesh sharma

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया अजमेर का नाम, किसी ने शिक्षा तो किसी ने खेल के क्षेत्र में लिखी इबारत

City pride : London और Dubai तक छाईं Ajmer  की बेटियां

City pride : London और Dubai तक छाईं Ajmer की बेटियां

दिनेश कुमार शर्मा

अजमेर.

हमारी बेटियां हमारा अभिमान बनकर सामने आ रही हैं। उन्होंने हर क्षेत्र में हमारा सिर गर्व से ऊंचा किया है। वे दूसरों के लिए मिसाल बनी हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश की धाक जमाई है। फिर बात चाहे शिक्षा जगत की हो या खेल जगत की। उन्होंने हर जगह खुद को ईक्कीस साबित किया है। अजमेर के नाम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनहरी अक्षरों में लिखने वाली कुछ बेटियों की कहानी।
भव्यता शर्मा

अजमेर की बेटी ने मॉडलिंग और ब्यूटी कॉन्टेस्ट में दुनिया में नाम रोशन किया। हरिभाऊ उपाध्याय नगर निवासी भव्यता शर्मा ने दिल्ली में मिस इंडिया एलीट का खिताब जीता। दक्षिण कोरिया में 47 देशों की प्रतियोगियों के बीच सुपर मॉडल इंडरनेशनल में बेस्ट टेलेंट अवार्ड जीता।
भव्यता रशिया, दुबई, दोहा, थाइलैंड, लंदन आदि स्थानों पर शूट और शो कर चुकी है। इंडिया फैशन वीक लंदन, मर्सडीज बैंज फैशन वीक दोहा और अरब एशिया फैशन वीक दुबई में भी हिस्सा ले चुकी हैं। उन्होंने भारत में नीता लूला, सामंत चौहान, राहुल मिश्रा, सत्यपॉल, अर्चना कोचर, यूके के केरन मिलन, यूएई की मोना अलमनसोरी, कुवैत से सकबा, कतर से लामाज और दुबई के क्रस्टीना फीडल्सकाया आदि कॉस्टयूम और फैशन डिजाइनरों के साथ काम किया।
वह नीविया, केन्टाबिल, मेलब्लॉक समेत साडिय़ों और ज्वैलरी के बड़े ब्रांड्स के विज्ञापनों के लिए शूट कर चुकी हैं। एचएमटी में सहा. महाप्रबंधक से सेवानिवृत्त अजीत कुमार शर्मा ने बताया कि उन्होंने और पत्नी मधु ने हमेशा बेटी भव्यता को पसंद का कॅरियर चुनने के लिए प्रेरित किया।
READ MORE : Patrika Bird Fair : देखें, बालु रेत पर किस तरह दिया पक्षी संरक्षण का संदेश

रश्मि स्वरूप

रश्मि स्वरूप पर पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं कहावत सटीक बैठती है। उसने मात्र 9 साल की उम्र में 10वीं और फिर 11 साल 9 महीने की उम्र में 12वीं कक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। उसने राज्य में सबसे कम उम्र में स्नातक और डबल पीजी कर मदस विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि भी हासिल की है।
रेलवे में कार्यरत पिता आर. एस. वर्मा ने बताया कि रश्मि ने ‘आनासागर झील के जलचर पक्षियों के चुगने के स्थान को प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन विषय पर पीएचडी की उपाधि हासिल की है। रश्मि ने तीसरी कक्षा के बाद चौथी ओपन से दी।
इसके बाद सीधे 10 वीं की परीक्षा में उसने खुद को साबित करते हुए फस्र्ट डिवीजन हासिल की। इसके बाद उसने 12वीं, बीएससी, एमएससी और एमबीए प्रथम श्रेणी से उत्तीण किया। वर्ष 2012 में उसने लाइफ साइंसेज में नेट जेआरएफ क्लीयर किया। वह वर्तमान में गृह मंत्रालय में कार्यरत हैं।
READ MORE : Patrika Bird Fair : अमिट छाप छोड़ गया पक्षियों का मेला

विधि शर्मा

विधि शर्मा ने पहले अजमेर और फिर मिस राजस्थान का खिताब जीता और साथ ही गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उसने बताया कि बचपन में ही पिता का देहांत हो जाने के कारण मां और छोटी बहन के साथ विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए खुद को स्ट्रॉन्ग बनाना था।
इसके लिए जिम जॉइन की और ओपन राजस्थान बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में राजस्थान फिजिक्स का खिताब जीता। जोधपुर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर ओपन इंडिया बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में फीमेल फिजिक्स में गोल्ड मेडल जीता।
हाल ही में जोधपुर में हुई राजस्थान बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता वुमन कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतकर विधि सीनियर मिस राजस्थान 2020 बनी। उसने बताया कि कोच जय सिंह रावत के मार्गदर्शन में रोजाना 3 से 4 घंटे मेहनत के बलबूते अजमेर को गोल्ड मेडल व खिताब जिता सकी।
अलआयशा खान

ख्वाजा मॉडल स्कूल की कक्षा 12वीं साइंस बायो की छात्रा अलआयशा खान ने सात देशों की सीबीएसई स्कूलों की मुक्केबाजी प्रतियोगिता में सिल्वर मैडल जीता। सिंधी तोपदड़ा निवासी अलआयशा ने सीबीएसई स्कूलों की मेयो कॉलेज अजमेर में हुई वेस्ट जोन की प्रतियोगिता में सिल्वर मैडल जीता और नेशनल के लिए क्वालीफाई किया।
इसके बाद हरियाणा के ककराला में हुई 7 देशों की प्रतियोगिता के 60 किलो वर्ग में उपविजेता रही। जयपुर के एक स्कूल में शारीरिक शिक्षक पिता डॉ. अमजद खान ने बताया कि मात्र एक साल पहले ही बेटी अलआयशा को मुक्केबाजी का जुनून सवार हुआ।
अपनी लगन और कड़ी मेहनत के बूते उसने दो बड़ी प्रतियोगिताओं में मैडल हासिल किए हैं। उसकी इस सफलता में कोच रविन्द्र पंवार का भी काफी योगदान रहा है। मां शबाना खान ने बताया कि अलआयशा उच्च शिक्षा हासिल कर प्रोफेशनल बॉक्सर बन प्रदेश और देश का नाम रोशन करना चाहती है।
READ MORE : देखें, अजमेर जिले में कहां-कौन बना सरपंच

मुनीजा शारिक

अजमेर की मुनीजा शारिक प्रदेश की पहली महिला मास्टर स्कूबा डाइवर हैं। वे अब तक 250 से अधिक डाइव कर चुकी हैं। उन्होंने कॉलेज के एजुकेशनल टूर पर समुद्र के भीतर की दुनिया देखी तो प्रोफेशनल स्कूबा डाइवर बनने की ठान ली।
मुनीजा ने बताया कि स्कूबा डाइव मास्टर को 36 मीटर समुद्र के नीचे ऑक्सीजन मास्क लगाकर जाना होता है और 25 किलो का सिलेंडर कंधे पर होता है। 30 से 75 मिनट तक समुद्र के नीचे डाइविंग करना, समुद्र के नीचे किसी को मेडिकल हेल्प देना और बिना ऑक्सीजन सिलेंडर डाइव करना आदि इस कोर्स के स्किल लेवल हैं।
मुनीजा बच्चों की स्टोरी व लर्निंग बुक्स डिजाइन करती हैं। वह इन दिनों मुरुदेश्वर (कर्नाटका) में लोगों को डाइव करना सिखा रही हैं। उनके पिता सैयद शारिक महाराज सेंट्रल एक्साइज व कस्टम्स सुपरिटेंडेंट हैं।
READ MORE : किसी का खेत बिक गया तो किसी के गहने

सूफिया खान

रातीडांग निवासी सूफिया खान वर्ष-2018 में अल्ट्रा मैराथन जीतकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुकी हैं। उन्होंने रन फोर ह्यूमेनिटी-रन फॉर पीस को लेकर 750 किमी का गोल्डन ट्रायंगल (दिल्ली से आगरा, जयपुर और दिल्ली) दौड़ को पूरा किया।
वर्ष-2019 में कश्मीर से कन्याकुमारी तक रन फोर होप से मानवता, भाईचारे का संदेश लेकर 87 दिन में 4000 किमी दौड़ को पूरा किया। इसके लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।
सूफिया की माता शहनाज ने बताया कि सूफिया 5 फरवरी को गोल्डन क्वाड्रिलेट्रल (स्वर्ण चतुर्भुज योजना) दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, मुम्बई होते हुए दिल्ली तक 6000 किमी की दौड़ रन फोर होप (नैतिक मूल्य को बढ़ावा देने के लिए) शुरू करेगी।

ट्रेंडिंग वीडियो