scriptकोरोना ‘सुरक्षा कवच में अजमेर मजबूत | Ajmer strong in 'corona' protective shield | Patrika News

कोरोना ‘सुरक्षा कवच में अजमेर मजबूत

locationअजमेरPublished: Dec 05, 2021 08:36:15 pm

Submitted by:

CP

दूसरी डोज के मामले में प्रदेश में दूसरा स्थान, प्रतापगढ़ पहली डोज में अव्वल, जयपुर दूसरे नम्बर पर

कोरोना 'सुरक्षा कवच में अजमेर मजबूत

कोरोना ‘सुरक्षा कवच में अजमेर मजबूत

अजमेर. कोरोना से जंग लडऩे के लिए सुरक्षा कवच के मामले में अजमेर की स्थिति मजबूत होती जा रही है। वैक्सीन का सुरक्षा कवच पहली व दूसरी डोज के रूप में और मजबूत हो इसके लिए वैक्सीन से वंचित लोगों को आगे आने की जरूरत है। दूसरी डोज की उपलब्धि में अजमेर प्रतापगढ़ के बाद दूसरे नम्बर पर है। जबकि पहली डोज में तीसरा स्थान है।
प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण के सुरक्षा कवच के लिए वैक्सीनेशन की दोनों डोज आवश्यक है। मगर पहली डोज के मामले में अजमेर जिले के लक्ष्य के अनुपात में ७.७ प्रतिशत लोग अभी भी वैक्सीन से वंचित हैं। जबकि दूसरी डोज में अभी तक अजमेर जिला ७३.६ प्रतिशत उपलब्धि के साथ दूसरे नम्बर पर है। प्रतापगढ़ की उपलब्धि ८० प्रतिशत है। वहीं पहली डोज में प्रतापगढ़ अव्वल है।
यह है प्रथम पांच जिलों की स्थिति

जिला पहली डोज दूसरी डोज

प्रतापगढ़ १०१.१ ८०

जयपुर प्रथम ९३.९ ५६

जयपुर द्वितीय ९३.८ ५४.८

अजमेर ९२.३ ७३.६

झुंझुनूं ९२.२ ७३
कोटा ८९.८ ६९

(सभी आंकड़े प्रतिशत में)

यह है प्रदेशभर की स्थिति

प्रदेशभर में पहली डोज के रूप में ४ करोड़ ३७ लाख ७३ हजार ८०७ वैक्सीन लगी हैं, जबकि दूसरी डोज के रूप में २ करोड़ ५९ लाख ५२ हजार २१२ लोगों को वैक्सीन लगी है। पहली डोज में जहां ८५ फीसदी वहीं दूसरी डोज में ५९.३ फीसदी लक्ष्य अर्जित हुआ है।
अजमेर में इतने लाभान्वित

अजमेर में पहली डोज से १७ लाख ८८ हजार ६४० एवं दूसरी डोज से १३ लाख १६ हजार ७१४ लोग लाभान्वित हुए हैं।

इनका कहना है

पिछले तीन दिन में करीब डेढ़ लाख वैक्सीन लगाई है। कुछ लोग लापरवाही बरत रहे हैं, वैक्सीन के लिए आगे आना चाहिए। कोरोना से जान को खतरा नहीं हो, इसके लिए वैक्सीन जरूरी है।
डॉ. के.के. सोनी. सीएमएचओ

पढ़े-लिखे लोग भी वैक्सीन से बचने को बोल रहे हैं झूठ

अजमेर. कोविड वैक्सीन लगाने के लिए नर्सिंगकर्मी, चिकित्साकर्मी घर-घर पहुंच रहे हैं लेकिन इनकी समस्याएं भी कम नहीं है। वैक्सीन के प्रति देशभर में जागरूकता के बावजूद कुछ लोग झूठ बोल कर वैक्सीन से बचना चाहते हैं। वैशालीनगर पीएचसी की नर्सिंगकर्मी पीयूषा सैमुअल ने बताया कि वैक्सीन के लिए पिछले कई दिनों से घर-घर जाकर वैक्सीन लगा रही हूं। 30 से 40 वर्ष के मध्य के युवा वैक्सीन से बने के लिए झूठ बोल रहे हैं। कई बार लोगर घर में पहुंचने से पहले ही कह देते हैं कि सभी के वैक्सीन लग गई। कुछ लोग कहते हैं कि हम आपसे क्यों लगवाएं हम जेएलएन अस्पताल या डिस्पेंसरी जाकर वैक्सीन लगा लेंगे। जबकि हम घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने जा रहे हैं इसमें फ्यूल खर्च भी अधिक बढ़ रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो