जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि पिछले साल अजमेर और झुंझुनूं समान अंक पाकर नम्बर वन पर थे। लेकिन इस बार झुंझुनूं एक पायदान नीचे खिसक गया है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष के सरकारी योजनाओं की वर्किंग के आधार पर प्रदेशभर में सभी जिलों की रैकिंग जारी की जाती है जिसमें अजमेर जिला प्रथम स्थान पर रहा है।
शर्मा ने बताया कि ग्रामीण विकास की योजनाओं में मनरेगा, पीएम आवास योजना, आजीविका मिशन, ग्रामीण विकास परियोजनाएं, स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाएं शामिल है। जिले में नरेगा योजना में रोजगार पर लगे श्रमिकों की संख्या मई माह में बढक़र 2 लाख को पार कर गई है। गत वर्ष 1 लाख 5 हजार के आसपास ही श्रमिक लगे हुए थे। 52 हजार 760 परिवारों को सौ दिन रोजगार देने में भी अजमेर जिला पूरे प्रदेश में अव्वल हो गया है। जिले में अभी 1895 कार्यों पर दो लाख 690 श्रमिक नरेगा काम पर लगे हुए है।
उल्लेखनीय है कि समस्त सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में जिला कलक्टर की परफॉरमेंस का पैमाना भी माना जाता है। कलक्टर ही इन सब सरकारी योजनाओं की मॉनिटिंरंग सीधे तौर पर करते है।