नियामक आयोग ने सुनवाई में ली आपत्ति
तीनों कंपनियों की तरफ से पावर मैनेजमेंट कंपनी ने नियामक आयोग के सामने ट्रू-अप याचिका पिछले महीने पेश किया था। जिस पर नियामक आयोग ने आपत्ति ली है। तर्क दिया है कि जब हमारे पास सरप्लस बिजली थी और ओपन मार्केट में भी सस्ते दर पर बिजली उपलब्ध थी, तो एक कम्पनी को फायदा पहुंचाने के लिए इतनी मंहगी बिजली क्यूं खरीदी गई। पावर मैनेजमेंट को अगले महीने जवाब प्रस्तुत करना है।
सूजान टोरेंट से अनुबंध के अनुसार बिजली खरीदी थी। रबी सीजन में बिजली की डिमांड पूरी करने के लिए अनुबंध की शर्तों के अनुसार ही बिजली खरीदी हुई थी।
आईसीपी केशरी, प्रमुख सचिव, ऊर्जा विभाग
आईसीपी केशरी, प्रमुख सचिव, ऊर्जा विभाग
आयोग में आज पेश होगी टैरिफ याचिका
बिजली उपभोक्ताओं को नए वित्तीय वर्ष में चार प्रतिशत की चपत लग सकती है। विद्युत वितरण कम्पनियों की तरफ से पावर मैनेजमेंट कम्पनी द्वारा सोमवार को नियामक आयोग में वित्तीय वर्ष २०१८-१९ के लिए टैरिफ याचिका पेश की जाएगी। इसमें चार प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव है। याचिका में वित्तीय वर्ष २०१८-१९ के लिए ३४ हजार करोड़ रुपए की जरूरत बताई है। जबकि तीनों वितरण कम्पनियों ने ३२ हजार ७०० करोड़ रुपए की आमदनी का अनुमान लगाया है। १३०० करोड़ रुपए की भरपाई के लिए उक्त प्रस्ताव रखा है। पावर मैनेजमेंट कम्पनी के सीजीएम राजस्व फिरोज कुमार मेश्राम के मुतबिक नियामक आयोग सुनवाई की तारीख तय करेगा।