चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्ड टेस्ट में डेंगू पॉजीटिव रिपोर्ट को तब तक मान्यता नहीं देता जब तक एलाइजा किट में पॉजीटिव नहीं आ जाता। वायरल एवं बुखार से पीडि़त मरीज के रक्त की जांच एवं कार्ड टेस्ट में डेंगू की पुष्टि के बाद भी मरीज को एलाइजा किट से जांच करवानी होती है, मगर यह जांच दो-तीन डिस्पेंसरी के साथ सैटेलाइट अस्पताल एवं जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में ही उपलब्ध है।
जबकि शहरी क्षेत्र की अन्य डिस्पेंसरियों में मरीज को डेंगू होने के बावजूद उसकी जांच संभव नहीं है। इन डिस्पेंसरियों में जांच के किट के साथ पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध नहीं है। कहने को भले ही लैब तकनीशियन नियुक्त हैं मगर बिना संसाधन जांचें संभव नहीं है।
डॉक्टर, तकनीशियन प्रशिक्षित होना जरूरी एलाइजा किट मशीन एवं उपकरण के लिए लाखों रुपए का सरकार के पास न तो बजट है न इसको ऑपरेट करने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक एवं लैब तकनीशियन है। यही वजह है कि डिस्पेंसरियों में एलाइजा किट की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
शहर के मात्र तीन एवं जिले के दो अस्पतालों में सुविधाअजमेर शहर में जवाहर लाल नेहरू अस्पताल/कॉलेज, राजकीय जनाना अस्पताल एवं सैटेलाइट अस्पताल में ही एलाइजा किट उपलब्ध है। जिले में किशनगढ़ के राजकीय यज्ञनारायण अस्पताल एवं ब्यावर के अमृतकौर अस्पताल में इसकी सुविधा उपलब्ध है। जबकि जिले के राजकीय चिकित्सालयों, राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उप केन्द्रों पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं है।
राज्य सरकार एवं विभाग की गाइड लाइन के अनुसार डिस्पेंसरियों में एलाइजा किट की सुविधा नहीं है। जेएलएनएच, जनाना अस्पताल, सैटेलाइट अस्पताल, किशनगढ़ व ब्यावर के चिकित्सालयों में डेंगू जांच के लिए एलाइजा किट की सुविधा उपलब्ध है।
-डॉ. के.के. सोनी, सीएमएचओ
-डॉ. के.के. सोनी, सीएमएचओ