पुलिस के अनुसार चन्दवरदाई नगर निवासी सतीश कुमार अग्रवाल ने बताया कि उसके बेटे मनीष अग्रवाल ने दिसम्बर 2020 को बजाज फिनसर्व से 46 लाख 97 हजार रुपए का ऋण लिया था। फाइनेंस कम्पनी ने ऋण स्वीकृत करते हुए 45 लाख 86215 रुपए उसके बेटे के भीलवाड़ा भोपाल गंज स्थित आईसीआईसीआई बैंक के खाते में ट्रांसफर कर दिए। प्रार्थी के घर पर 11 दिसम्बर 2020 को फाइनेन्स कम्पनी का कर्मचारी आया और उसे ऋण में नॉन फाइनेशियल एप्लीकेंट बनाते हुए अचल सम्पति के दस्तावेज ले गया। मूल दस्तावेज लेने के बाद फाइनेन्स कम्पनी के कर्मचारी लौटाने में टालमटोल करते रहे।
अग्रवाल ने बताया कि पुत्रवधू सोनम से मनमुटाव के कारण मनीष मानसिक व शारीरिक अवसाद में रहने लगा। अवसाद के चलते उसके बेटे की 31 दिसम्बर 2020 को सड़क हादसे में मौत हो गई। फाइनेन्स कम्पनी को उसने बेटे की मृत्यु की सूचना देते हुए ऋण राशि बीमा पॉलिसी से वसूलने की सूचना दी लेकिन उन्होंने ऋण राशि का बीमा पॉलिसी से कोई मतलब ना बताते हुए उसकी अचल सम्पति से वसूलने की बात कही। उसने जब बेटे के बैंक खाते में रखी ऋण राशि वापस लेने की बात कही तो सामने आया कि पुत्रवधू फाइनेन्स कम्पनी व बैंक अधिकारी व कर्मचारियों से मिलीभगत कर राशि निकाल चुकी है। पीडि़त ने पुत्रवधू सोनम, फाइनेन्स कम्पनी, बैंक अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया है। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है।