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अजमेर

Alwar : संदिग्ध हो या कोरोना पॉजिटिव, जान पर खेल बचाने में जुटे

कोरोना के कर्मवीर : अपनों को छोड़ मरीजों की सेवा में समर्पित

अजमेरApr 03, 2020 / 11:02 pm

dinesh sharma

Alwar : संदिग्ध हो या कोरोना पॉजिटिव, जान पर खेल बचाने में जुटे

Alwar : संदिग्ध हो या कोरोना पॉजिटिव, जान पर खेल बचाने में जुटे

अलवर.

देश में कहीं भी एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलते ही आसपास के कई किलोमीटर के क्षेत्र की हजारों की आबादी में बेचैनी हो जाती है और इधर, वार्ड ब्वाय से लेकर नर्सिंग स्टाफ व चिकित्सक उन संदिग्ध व पॉजिटिव मरीजों को बचाने की और दौड़ते हैं।
आमजन ऐसे मरीजों से दूर जाने की कोशिश में होते हैं लेकिन, ये हमारे कर्मवीर मरीजों को बचाने के लिए खुद की जान भी दांव पर लगा देते हैं।

जिले के सबसे बड़े सामान्य चिकित्सालय में करीब 150 से अधिक ऐसा स्टाफ लगा हुआ है जिनके पास यही जिम्मेदारी है कि एक भी संक्रमित व्यक्ति से संक्रमण नहीं फैले। कोई संक्रमित आ जाए तो उसे पुन: संक्रमण से मुक्त करना है। इस लड़ाई को जीतने के लिए उन्होंने पूरी जान झोंक रखी है।
जैसे ही कहीं संदिग्ध व्यक्ति के होने की सूचना मिलती है कि नर्सिंग स्टाफ व पुलिस की मौजूदगी में उसे घर से लाया जाता है। 108 एंबुलेंस का चालक अस्पताल में लेकर पहुंचते ही वार्ड ब्वाय पूरे वाहन को सैनेटाइज करता है। चाहे उस वाहन में पॉजिटिव मरीज आया हो फिर संदिग्ध।
एक के बाद एक करके दिन में कई दर्जन बार एंबुलेंस आती-जाती हैं। इस कार्य को करने में करीब पांच जनों की टीम लगा रखी है। जो बाहर से आने वाले अन्य वाहनों को भी सैनेटाइज कर उनको संक्रमण से मुक्त करने का काम करते हैं।
भोलूराम हो या शिव कुमार

सामान्य अस्पताल में भोलूराम हो या शिव कुमार। उनके साथ नर्सिंग स्टाफ व चिकित्सक भी इस जिम्मेदारी को बखूबी निबाह रहे हैं। अपने एक हाथ में सोडियम हाइपोक्लोराइड के एक प्रतिशत घोल से भरी टंकी और दूसरे हाथ में उसका नोजल लेकर दिन भर आने वाले वाहनों को सैनेटाइज करते हैं।
भोलूराम व शिव कुमार ने बताया कि यह बहुत बड़ा चुनौती का समय है। कोरोना जैसे वायरस को खत्म करने के लिए पूरी दुनिया जुटी हुई। आए दिन संक्रमण को लेकर नई-नई जानकारियां आने से यह चुनौती कम होने बजाय और अधिक बढ़ जाती है। अब लगता है इस वायरस को खत्म करने के लिए हर व्यक्ति का सहयोग करना जरूरी है। जिसे जो जिम्मेदारी मिली है उसे वह पूरा करके ही कोरोना को हरा सकते हैं।
अधिक संदिग्ध व पॉजिटिव का ख्याल पूरा

डॉ. अशोक महावर व डॉ. सुरेश मीणा। दोनों ही चिकित्सकों ने अस्पताल में कोरोना वार्ड बनाए जाने के पहले दिन से सबसे बड़ी जिम्मेदारी संभाल रखी है। जिले से कोरोना का अधिक संदिग्ध मरीज हो या सामान्य। सबसे पहले उनके वार्ड में उनको लाया जाता है।
फिर ये चिकित्सक अपने अन्य स्टाफ के साथ मिलकर उनका इलाज करते हैं। कोई पॉजिटिव मरीज भी आता है तो इनके वार्ड में लाया जाता है। हालांकि अब तक एक ही मरीज पॉजिटिव इनके पास पहुंचा है। जिसे जयपुर के एसएमएस में भेजा गया है।
हालांकि अब तो पूरे सामान्य अस्पताल को ही कोरोना केन्द्र के रूप में तब्दील कर दिया है। मेल सर्जिकल वार्ड, फीमेल सर्जिकल वार्ड, पेंशनर्स वार्ड, नर्सिंग हॉस्टल को पूरी तरह कोरोना वार्ड बना चुके हैं। अब महिला चिकित्सालय को भी कोराना केन्द्र बना दिया है।
इन दोनों अस्पतालों में जिले भर से भी काफी नर्सिंग स्टाफ को लगाया जा चुका है। ये सब कर्मवीर अपनी जान पर खेलकर दूसरों को बचाने में जुटे हैं।

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