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अजमेर

Amazing:ना यह देखते, सुनते और कुछ करते हैं, नहीं है इनका कोई जवाब

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अजमेरSep 25, 2018 / 04:27 pm

raktim tiwari

mds university neglegance

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रक्तिम तिवारी/अजमेर।

महर्षि दयानन्दसरस्वती विश्वविद्यालय की विभिन्न शोध पीठ में ना नकद पुरस्कार ना शोध कार्यों की शुरुआत हुई है। योजना फाइलों में ही घूम रही है। लेकिन इसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है।
तत्कालीन कार्यवाहक कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह की अध्यक्षता में बीते वर्ष सिन्धु शोध पीठ, डॉ. भीमराव अंबेडकर शोध पीठ, सम्राट पृथ्वीराज चौहान शोध पीठ अैार महर्षि दयानन्द सरस्वती शोध पीठ की बैठक हुई थी। सभी शोधपीठ में सालाना व्याख्यान, शोधपत्र लेखन, कार्यशाला, लेखन कार्यक्रम, विषय आधारित प्रश्नोतरी लेख, शोधपत्र, पुस्तक आमंत्रण जैसे प्रस्ताव बनाए गए।
नहीं शुरू हुए शोध कार्य?

आमजन को शोध और चारों पीठ से जोडऩे के लिए शोध कार्य की शुरुआत होनी है। यहां अपंजीकृत स्वतंत्र एवं वास्तविक शोधकर्ता को नियमित शोध के लिए प्रतिमाह तीन हजार रुपए (१ वर्ष) दिए जाने हैं। इसके लिए शोधकर्ता को १०० रुपए के स्टाम्प पर वास्तविक शोध प्रपत्र प्रस्तुत करने की अनिवार्यता रखी गई है। नियमावली बनने के बावजूद शोध कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं।
ये हैं नकद पुरस्कार

-झूलेलाल जयंती पर होने वाली कार्यशाला में सिन्धु सभ्यता पर आधारित श्रेष्ठ प्रविष्ठि पर 11 हजार रुपए नकद, प्रशस्ति पत्र और सिन्धु रत्न पुरस्कार।
-अम्बेडकर जयंती पर होने वाली संगोष्ठी में डॉ. अम्बेडकर के जीवन, सामाजिक उत्थान पर आधारित श्रेष्ठ प्रविष्ठि को 11 हजार रुपए नकद, प्रशस्ति पत्र और अंबेडकर रत्न पुरस्कार
-सम्राट पृथ्वीराज चौहान जयंती पर होने वाले सेमिनार में पृथ्वीराज चौहान के गौरवशाली इतिहास पर आधारित श्रेष्ठ प्रविष्ठि को 11 हजार रुपए नकद, प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार
-दयानंद निर्वाण दिवस पर होने वाली संगोष्ठी में श्रेष्ठ प्रविष्ठि पर 11 हजार रुपए नकद, प्रशस्ति पत्र और आर्य श्रेष्ठ रत्न पुरस्कार (नवम्बर में प्रस्तावित)

चारों शोध पीठ में बजट की कमी नहीं है। कोई योजना बनी है, तो कामकाज शुरू होना चाहिए। जल्द सभी पीठ की बैठक लेकर स्थिति मालूम करेंगे।
प्रो. कैलाश सोडाणी, कुलपति मदस विश्वविद्यालय

सम्मानित करने की परम्परा
स्कूल शिक्षकों की तर्ज पर विश्वविद्यालय और कॉलेज शिक्षकों को भी सम्मानित करने की परम्परा शुरू हो गई है। इसके तहत सम्राट पृथ्वीराज राजकीय महाविद्यालय के भूगोल विभाग के सह आचार्य डॉ. मिलन यादव को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान प्रदान किया गया। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और तकनीकी एवं उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने डॉ. यादव को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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