उधर रेजीडेंट चिकित्सकों का यह भी कहना था कि घटना के दौरान अस्पताल में स्थित पुलिस चौकी से तुरंत कोई सहायता नहीं मिल सकी। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक ने हैड कांस्टेबल मोहन सिंह और कांस्टेबल परसाराम को फिलहाल लाइन हाजिर कर दिया है।
घटना शनिवार तड़के 4 बजे की है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार रेजीडेंट चिकित्सक डॉ. सुरेन्द्र, डॉ. गिरिराज और डॉ. प्रशांत आपातकालीन इकाई में ड्यूटी पर थे। इस दौरान कुछ युवक एक मरीज को लेकर आपातकालीन इकाई पहुंचे। रेजीडेंट्स के अनुसार परीज के परिजन चिल्लाते हुए घुसे। मरीज को पलंग पर लेटा दिया गया।
इलाज शुरू करने वाले ही थे कि युवकों ने फिर से चिल्लाना शुरू कर दिया और तू-तड़ाक से बात करने लगे। इस दौरान उन्होंने जान से मारने की धमकी भी दी। बाद में अपशब्द बोलते हुए मरीज को लेकर निजी अस्पताल चले गए।
मरीज को निजी अस्पताल में भर्ती कराने के बाद थोड़ी देर बाद युवक वापस जेएलएन अस्पताल पहुंचे और फिर से रेजीडेंट्स चिकित्सकों पर चिल्लाने लगे और धमकी दी। शिकायत में बताया गया है कि गार्ड ने अस्पताल स्थित पुलिस चौकी पर पहले फोन किया, बाद में शिकायत दी लेकिन तुरंत सहायता नहीं मिल सकी।
रेजीडेंट्स अड़े, 24 घंटे का दिया अल्टीमेट घटना के बाद रेजीडेंट चिकित्सकों में रोष व्याप्त हो गया। उन्होंने कार्यवाहक अस्पताल अधीक्षक डॉ.श्याम भूतड़ा को इसकी जानकारी दी। सुबह करीब 8 बजे तक सभी रेजीडेंट चिकित्सक आपातकालीन इकाई में एकत्र हो गए और कार्य का बहिष्कार कर दिया। थोड़ी देर में डॉ. भूतड़ा वहां पहुंच गए। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज देखे और समझाइश की। इस पर रेजीडेंट चिकित्सक मान गए और कार्य पर लौट आए। हालांकि करीब एक घंटे अस्पताल का कार्य प्रभावित हुआ। मामले में रेजीडेंट चिकित्सकों ने 24 घंटे में कार्रवाई की मांग रखी।
आला अधिकारियों को समय पर सूचना नहीं देने पर एक हैडकांस्टेबल और एक कांस्टेबल को फिलहाल लाइन भेजा गया है। मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। – कुंवर राष्ट्रदीप, पुलिस अधीक्षक, अजमेर