अजमेर में तत्कालीन ब्रिटिश-भारत सरकार ने अपने सैन्य अधिकारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए किंग जॉर्ज रॉयल इंडियन मिलिट्री स्कूल (अब राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल) स्थापित किया।
Rashtriya Military school ajmer
रक्तिम तिवारी/अजमेर. अजमेर में ब्रिटिशकाल में राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल 91 साल से देश को होनहार अफसर दे रहा है। आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के अलावा प्रशासनिक और पुलिस सेवा में यहां के कई छात्र सेवारत हैं। कई पूर्व छात्र देश के अहम ओहदे पर रहे हैं। स्कूल भारतीय सेना को 11 लेफ्टिनेंट जनरल, 20 से ज्यादा मेजर जनरल, 60 ब्रिगेडियर और अन्य अफसर दे चुका है।
अजमेर में तत्कालीन ब्रिटिश-भारत सरकार ने अपने सैन्य अधिकारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए किंग जॉर्ज रॉयल इंडियन मिलिट्री स्कूल (अब राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल) स्थापित किया। इसके पहले प्राचार्य कैप्टन डब्ल्यू एल क्लार्क और पहल छात्र अनवर अली खान और नवाब अली खान थे। इस स्कूल में शुरुआत से छात्र ही पढ़त रहे हैं। इस स्कूल में यूपी, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, तमिलाडू, तेलंगाना, केरल सहित समूचे देश के छात्र पढ़कर निकले और सेना, पुलिस, प्रशासनिक सेवा, शिक्षा में कॅरियर बनाया। खासतौर पर थल सेना में सैनिक-अफसर तैयार करने के लिए स्कूल की अलग ही पहचान रही है। अजमेर के बाद धौलपुर, हिमाचल प्रदेश के चैल, कर्नाटक के बेलगाम और बेंगलूरू में राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल खोले गए।
अजमेर स्कूल में पढ़े यह छात्र अजीत डोभाल-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत (दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत क पिता), लेफ्टिनेंट जनरल बलजीत सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल एस.एन.हांडा, लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर सिंह, मेजर जनरल रिशाल सिंह, मेजर जनरल दलवीर सिंह, मेजर जनरल विक्रम पुरी, रियर एडमिरल साई वैंकट रमन, एयर वाइस मार्शल संजीव कपूर, ब्रिगेडियर रामसिंह अहलावत, ब्रिगेडियर एस.ए.रहमान, आईएस कुलबहादुर गुरंग, हनुमान सिंह भाटी, कृष्ण मोहन साहनी और अन्य
हर साल चयन में अव्वल ब्रिटिशकाल में राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में पढऩे वाले छात्रों की सेना में शारीरिक दक्षता परीक्षा के बाद सीधी एन्ट्री होती थी। 1947 के बाद पुणे के निकट नेशनल डिफेंस एकेडमी बनाई गई। छात्र प्रतिवर्ष एनडीए की परीक्षा देते हैं। अजमेर के राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल से हर साल 15 से 20 छात्रों का सेना में चयन होता है।
अब पढ़ेंगी छात्राएं भी देश के पुराने अजमेर के राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल से सहित अन्य मिलिट्री-सैनिक स्कूल, राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री और अन्य स्कूल में इसी साल से छात्राओं को प्रवेश मिलेंगी। 23 जनवरी को संयुक्त प्रवेश परीक्षा में छात्राएं शामिल होंगी। कक्षाओं में छात्र-छात्राओं का अनुपात रक्षा मंत्रालय की गाइड लाइंस से तय होगा।
यह हस्तियां आ चुकीं स्कूल लॉर्ड वेलिंगडन और लॉर्ड लिनिलिनथगो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत पूर्व जनरल के.एस.थिमैया फैक्ट फाइल 1930 को राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल की स्थापना (तब किंग जॉर्ज रॉयल मिलिट्री स्कूल)
1952 में सैन्य अधिकारियों-जवानों के बच्चों को प्रवेश 1954 में इंडियन पब्लिक स्कूल का बना सदस्य 1966 में मिला मिलिट्री स्कूल नाम 2007 में मिला राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल नाम