इससे सहकारिता आन्दोलन सुदृढ़ होगा साथ ही पशुपालक भी आर्थिक रूप से आत्म निर्भर होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के पश्चात पशुपालन ही आजीविका का प्रमुख साधन है। राजीविका के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को पशुपालन के साथ जोड़ने की दिशा में कार्य किया जाएगा। इसके साथ-साथ पशुपालन तथा दुग्ध उत्पादों के प्रति जागरूकता पैदा करने में आंगनबाड़ी कार्मिकों का सहयोग लिया जाएगा। पशुपालकों से खरीदे जाने वाले दूध में समय-समय पर वृद्धि की गई है।नए मिल्क रूट बनाए जाएंगें
उन्होंने कहा कि दूध का संकलन बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके लिए नए मिल्क रूट बनाए जाएंगे। नए प्लांट से सम्पूर्ण दूध की प्रोसेसिंग संभव है। सरस के उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं। भारतीय सेना के कड़े मानकों पर उत्पाद खरे उतरे हैं। इसलिए उन्हें दुग्ध उत्पाद सप्लाई किए जा रहे है।167 करोड़ की परियोजनाएं मील का पत्थर
राज्य की कमजोर डेयरियों का सुद्धढ़ीकरण करने का कार्य किया जाएगा। एनबीडीडी के माध्यम से आरंभ होने वाली 167 करोड़ की परियोजनाएं इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। इन परियोजनाओं की सैद्धान्तिक स्वीकृति दी गई है।प्रतिदिन 2.55 लाख लीटर दूध का संग्रह
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने कहा कि वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 2.55 लाख लीटर दूध का संग्रह प्रतिदिन किया जा रहा है। इसमें से 2.35 लाख लीटर दूध का नियमित विपणन होता है। शेष दूध से दुग्ध उत्पाद बनाए जा रहे है। अजमेर डेयरी के प्रबन्ध निदेशक मदन लाल ने कहा कि नवीन डेयरी प्लांट के अवलोकन के समय अरोड़ा का ग्रामस्तरीय दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति के सदस्यों द्वारा स्वागत किया गया। सदस्यों के डेयरी एवं पशुपालक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।