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ऑनलाइन ठगी के आरोपी को गुजरात से दबोच लाई ब्यावर थाना पुलिस,तीन लाख रुपए की हुई ठगी

locationअजमेरPublished: Jan 13, 2021 01:32:15 am

Submitted by:

suresh bharti

ब्यावर शहर थाना पुलिस ने बैंक के खाता नंबर एवं एटीएम कार्ड के पिन नंबर पूछकर एक महिला के संयुक्त खाते से ऑनलाइन ठगी करने के मामले में एक युवक को गिरफ्तार किया

ऑनलाइन ठगी के आरोपी को गुजरात से दबोच लाई ब्यावर थाना पुलिस,तीन लाख रुपए की हुई ठगी

ऑनलाइन ठगी के आरोपी को गुजरात से दबोच लाई ब्यावर थाना पुलिस,तीन लाख रुपए की हुई ठगी

अजमेर/ब्यावर. रकम कहीं भी सुरक्षित नहीं है। घर में रुपए रखें तो तोरी का डर सताता है। बैंक में जमा रखें तो ऑनलाइन ठगी का खतरा है। ऐसे में आमजन परेशान हैं। आजकल साइबर क्राइम ने सभी की नींद उड़ा रखी है। ब्यावर शहर थाना पुलिस ने बैंक के खाता नंबर एवं एटीएम कार्ड के पिन नंबर पूछकर एक महिला के संयुक्त खाते से ऑनलाइन ठगी करने के मामले में एक युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस उसे गुजरात से गिरफ्तार कर ब्यावर लाई है। उसे न्यायालय में पेश किया गया है, जहां से उसे रिमांड पर सौप दिया गया।
ठग ने अपने को बताया बैंक मैनेजर

पुलिस के अनुसार गत 11 नवंबर को प्रतापनगर निवासी नेहा कांकाणी ने एक प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसकी सास चंदादेवी व ससुर का संयुक्त बैंक खाता है। उसके पास डाक से नया एटीएम कार्ड प्राप्त हुआ था। उसी दिन अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल से कॉल कर अपने आपको बैंक का मैनेजर बताया। उसने आधार कार्ड व पैन कार्ड लिंक करवाने के लिए एटीएम कार्ड के नम्बर व ओटीपी नम्बर धोखाधड़ी से प्राप्त कर खाते से तीन लाख रुपए निकाल कर ठगी कर ली।
पुलिस जांच में आरोपी गुजरात का निकला

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पड़ताल में सामने आया कि आरोपी युवक के खाते की डिटेल बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा चिनोढ़ वापी जिला वलसाड़ गुजरात में होना पाया। इसका खाताधारक ऋषिकेश उर्फ फंटूश पण्डित पुत्र ओमप्रकाश जाति कुम्हार निवासी गांव रघुनाथपुर पुलिस थाना पोडैयाहॉट जिला गोडढ़ा झारखण्ड होना पाया गया। टीम ने आरोपी के पते व अन्य संभावित ठिकानों पर योजनाबद्ध तरीके से दबिश दी। इसके बाद ऋषिकेश उर्फ फंटुश चार रास्ता भडक़मोरा बिहरीनगर वापी जिला बलसाड़ (गुजरात) में पकड़ा गया।
एेसे देते हैं वारदात को अंजाम

आरोपित ऋषिकेश उर्फ फंटुश पंडित ने पूछताछ में बताया कि एक अन्य साथी संजय पण्डित के साथ मिलकर ऑनलाइन ठगी की वारदातों को अंजाम देते हैं। मजदूरी करने के लिए अलग-अलग शहरों मे जाकर निवास करते हैं।
वहां पर थोड़े दिनों तक ठहरने के बाद आईडी कार्ड बनाकर बैंक में खाता खुलवाते हैं। यह खाताधारकों से मोबाइल से सम्पर्क कर आधारकार्ड व पैन कार्ड लिंक करने के बहाने धोखाधड़ी करते हैं। खाताधारक से ओटीपी पूछताछ कर खातों से रकम अपने खातों मे स्थानांतरण करते हैं। बाद में रकम को तुरन्त खाते से निकाल लेते हैं।
साढ़े २9 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी

बाघसूरी. ग्राम सतावडिय़ा के ग्रामीण भगवान सहाय एक फाइनेंस कम्पनी के फर्जी मोबाइल नंबर से २9,500 रुपए की ठगी का शिकार हो गया। पीडि़त ने बताया कि एक कम्पनी से उसके पास फोन आया कि आपके एक लाख रुपए का लोन स्वीकृत हुआ है। अत: आप 2150 रुपए हमारे खाते में जमा कराएं। पीडि़त की पत्नी ने उनके बताए अनुसार पहले 2150 रुपए दूसरी बार 9400 रुपए, तीसरी बार 8375 रुपए तथा चौथी बार 10000 रुपए उनके खाते में ऑनलाइन जमा करा दिए। मामले की असलियत पता करने पर पूछताने के सिवाए कुछ नहीं मिलता।

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