यहां 1 हजार के बजाय एटीएम ने बदले में 10 हजार रुपए देने शुरू कर दिए। सैकड़ों लोग मुफ्त में 10 हजार रुपए लेकर चलते बने। दोपहर बाद बैंक अधिकारियों को सूचना मिली तो उनके हाथ पैर फूल गए। बाद में मशीन को बंद किया गया।
जयपुर रोड पर जिला परिषद कार्यालय के सामने अजमेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक का एटीएम संचालित है। पूर्व में यहां से आम लोग रुपए नहीं निकाल सकते थे। हाल में बैंक ने यहां दूसरे एटीएम की तरह रुपए विड्रोल करने की सुविधा शुरू की। मंगलवार को एटीएम पर लक्ष्मी मेहरबान हो गई।
1 के बजाय निकले 10 हजार एटीएम पर कई लोग 1 हजार रुपए निकालने पहुंचे। उन्होंने कार्ड स्वाइप कर ज्यूं ही मॉनिटर पर 1 हजार रुपए फीड किए एटीएम ने धड़ाधड़ 10 हजार रुपए निकाल दिए। यह देखकर लोगों की खुशियां बढ़ गई। कई लोगों ने अपने दोस्तों, मिलने वालों को भी बुला लिया। दोपहर तक सैकड़ों लोग 10-10 हजार रुपए निकाल कर ले गए। उन्होंने मोबाइल से भी यह संदेश कई लोगों तक पहुंचा दिया।
बैंक अफसरों के फूले हाथ पैर दोपहर बाद कुछ लोगों ने बैंक अफसरों को एटीएम पर लक्ष्मी बरसने और 10 हजार रुपए निकलने की सूचना दी। यह जानकर अफसरों के हाथ-पैर फूल गए। अफसर दौड़े-दौड़े एटीएम पहुंचे और शटर गिराकर मशीन को बंद कर दिया। अफसर बचा हुआ पूरा कैश निकालकर बैंक में ले गए।
कैसे मिलेगी गई रकम? बैंक स्टाफ के सामने अब बड़ी समस्या खड़ी होगी। जो लोग को-ऑपरेटिव बैंक के एटीएम से रुपए निकालकर ले गए उन्हें तलाशना आसान नहीं होगा। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक अफसर ने बताया कि अब बैंक के पास एक ही उपाय है। जिन-जिन लोगों ने एटीएम से रुपए निकाले हैं, उनके एटीएम कार्ड नम्बर की कम्प्यूटराइज्ड सूची निकाली जाएगी। यह कार्ड जिन संबंधित बैंक के होंगे उनसे लोगों के खातों में रखी रकम को-ऑपरेटिव बैंक के खाते में ट्रांसफर कराई जाएगी। लेकिन यह काफी लम्बा प्रोसेस है।
प्रोग्रामिंग की गड़बड़ी जिम्मेदार एटीएम भी कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग पर आधारित होता है। इसमें पिन नम्बर, रुपए की डिटेल, कैश जमा करने, निकालने के ऑप्शन होते हैं। खाताधारक एटीएम कार्ड डालने के बाद इन्हीं ऑप्शन पर क्लिक कैश निकालते हैं। तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है, कि प्रोग्रामिंग में गड़बड़ी के कारण ही ऐसा संभव है।