लुक भी बदला पहले जहां बच्चे बड़े हो जाने पर लोग बालों को काला करना बंद कर देते थे। वहीं अब बालों को काला करने वाले के अलावा रंग करने का भी ट्रेन्ड है। महिलाओं और पुरूषों की ओर से कपड़ों, जूतों और एक्सेसरीज पर भी खासा ध्यान दिया जा रहा है।
अंग्रेजों के जमाने में आया था सर
सर शब्द अंग्रेजों के जमाने से भारत में बोला जाने लगा। पहले ब्रिटिश अफसरों को सर और महिलाओं को मैडम कह कर पुकारा जाता था। इस दौरान अंग्रेज सरकार की ओर से भारतीयों को सर की उपाधि भी जाती थी। धीरे-धीरे यह शब्द दफ्तरों में पहुंच गए। फिर इतने प्रचलित हो गए कि कोई अंकल या आंटी कहने से नाराज नहीं हो जाए इसकी जगह सर और मैम ने ले ली।
सर शब्द अंग्रेजों के जमाने से भारत में बोला जाने लगा। पहले ब्रिटिश अफसरों को सर और महिलाओं को मैडम कह कर पुकारा जाता था। इस दौरान अंग्रेज सरकार की ओर से भारतीयों को सर की उपाधि भी जाती थी। धीरे-धीरे यह शब्द दफ्तरों में पहुंच गए। फिर इतने प्रचलित हो गए कि कोई अंकल या आंटी कहने से नाराज नहीं हो जाए इसकी जगह सर और मैम ने ले ली।
आंटी मत कहो ना
90 के दशक में हम पांच धारावाहिक में भी टेलीविजन अभिनेत्री अरुणा संगल का आंटी मत कहो ना डायलॉग भी बड़ा चर्चित था। यह इस धारावाहिक के सबसे फेमस डायलॉग में से एक था। इसके बाद से नई चर्चा शुरू हो गई थी।
90 के दशक में हम पांच धारावाहिक में भी टेलीविजन अभिनेत्री अरुणा संगल का आंटी मत कहो ना डायलॉग भी बड़ा चर्चित था। यह इस धारावाहिक के सबसे फेमस डायलॉग में से एक था। इसके बाद से नई चर्चा शुरू हो गई थी।
‘अंकल-आंटी में अपनेपन का एहसास’ मैं ऑफिस भी जाता हूं। सोशल लाइफ भी अच्छे से जीता हूं। पिछले चार साल से जिम में रोज दो घंटे पसीना बहा रहा हू। ट्रेनर पूजा राणा की देखरेख में कम से कम दो घंटे तक एक्सरसाइज करता हूं। उम्र चाहे जो भी हो खुद के लिए समय निकालना और अपनी इच्छाओं को पूरा करना बहुत जरूरी है।
– पुरुषोत्तम मूलचंदानी
– पुरुषोत्तम मूलचंदानी
अंकल कहने में कुछ अपनापन फील होता है। जान-पहचान वाले यदि सर बोलते है तो औपचारिक लगता है। मेरा मानना है कि व्यक्ति सोच से ही जवान और बूढ़ा होता है। मूल सोच ही है।
-अतुल मालू मैं टीन एज बेटी की मां हूं जो जल्दी ही कॉलेज में आ जाएगी। लेकिन उम्र से साथ एक्टिविटी बढ़ती है घटती नहीं है। आज के दौर में घर की जिम्मेदारियों के साथ फिट रहने को भी अहम मानती हूं। सुबह-सुबह घर के काम रहते तो आ नहीं पाती है। लेकिन शाम को ठीक समय पर जिम में एक घंटे तक एक्सरसाइज करती हंू। बच्चे बड़े होने से पेरेन्ट बूढ़े नहीं होते बल्कि और एक्टिव हो जाते है।
-रिया खत्री बेटे की शादी भी हो चुकी है। वजन ज्यादा था तो अहसास हुआ की इसके लिए कुछ करना चाहिए बस फिर क्या था। जिम की मेम्बरशिप ले ली। जिम में लड़कियों के साथ तालमेल बैठा लिया। एक्सरसाइज करना अच्छा लगता है। रोजमर्रा की बाकी जिम्मेदारियां भी पूरे तरीके से निभा रही हूं।
-आशा चांदवानी किसी को अंकल कहो या आंटी उम्र से एक्टिविटी कम नहीं होती है। बस एक उम्र के बाद अंकल-आंटी कहा जाता है। लेकिन आप उन्हें अंकल कहें या आंटी सर कहें या मैम बात सम्मान की है। सम्मान जरूरी है। हम यदि फिटनेस सेंटर्स पर देखें तो इनकी एक्टिविटी खूब नजर आती है।
-तनवी रूपानी, ट्रेनर