पूर्व कुलपति प्रो. श्रीमाली ने सत्र 2018-19 में बीए/बीएससी बीएड और दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम संचालित करने वाले कॉलेज को अस्थाई सम्बद्धता में वृद्धि, नवीन सम्बद्धता देने के लिए शिविर लगाया था। इससे कॉलेज संचालकों में खलबली मच गई थी। संचालकों ने केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों और अन्य रसूखात काम में लिए। लेकिन कुलपति ने नेताओं को भी साफ इन्कार कर दिया था। अधिकांश कॉलेज के दस्तावेजों में कई तरह की कमियां निकली। इनमें कम्प्यूटर, पुस्तकों और शिक्षकों की कमी, खेल मैदान और अन्य संसाधन जैसे कारण सामने आए थे।