ये दोनों भाई – बहन फर्जी आधार कार्ड से दरगाह अन्दर कोट क्षेत्र में 2 माह से रह रहे थे। उन्होंने आधार में पश्चिम बंगाल 24 परगना का पता दर्शा रखा था। पड़ताल में सामने आया कि दोनों भाई-बहन दो माह पहले भारत- बांग्लादेश सीमापार कर अजमेर पहुंचे। यहां उन्होंने उर्स के दौरान कपड़े की दुकान खोल ली।
नहीं मिलता है काम, पैसे कमाने की थी मजबूरी
मेहमूदा ने बताया कि बांग्लादेश में उन्हें काम नहीं मिलता। ऐसे में कमाने, खाने के लिए सीमापार कर भारत आना उनकी मजबूरी बन चुकी है। इस बार उन्होंने उर्स के दौरान दुकान लगा ली।
पहले भी आ चुके हैं अजमेर
मेहमूदा ने बताया कि वह पहले भी भारत आ चुकी है। तब उसका भाई और वह नौकरी कर गुजारा करते थे। लेकिन उर्स में कमाने के लिए कपड़े की दुकान खोल ली। मेहमूदा ने बताया कि उसने वीजा की कोशिश की लेकिन वीजा नहीं मिला तो सीमापार करने का तरीका अपनाया।
भाई- बहनों को जल्द डिर्पोट किया जाएगा
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महमूद खान ने बताया कि दोनों भाई- बहनों को अलवर डिटेंशन सेंटर भेजा गया है। जहां से उन्हें जल्द डिपोर्ट किया जाएगा।
यूं भेजा जाएगा सीमापार
बांग्लादेशी घुसपैठिए भाई-बहन को अलवर स्थित डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा। बीएसएफ व बांग्लादेश एम्बेसी के जरिए उनके नाम, पते की तस्दीक की कार्रवाई होगी। बांग्लादेश सरकार की ओर से पहचान की तस्दीक होने पर उनको बीएसएफ द्वारा डिपोर्ट किया जाएगा।
बॉर्डर पर दोनों तरफ हैं दलाल
बकौल मेहमूदा वह पहले भी अवैध तरीके से भारत सीमा लांघकर कर अजमेर आ चुकी है। दोनों तरफ बोर्डर पर दलाल सक्रिय हैं। इस बार उसने वीजा से आने का प्रयास किया। वीजा नहीं मिलने पर दलाल को 15 हजार रुपए देकर भाई के साथ सीमापार करने में कामयाब रही।