पुलिस उपअधीक्षक(उत्तर) डा. प्रियंका रघुवंशी ने बताया कि पुष्कर मेला व शहर में विवाह समारोह के चलते भीड़भाड़ में जेब काटने व बैग चोरी की वारदातों में इजाफा हुआ। वारदातों पर अंकुश लगाने व गिरोह की पकड़ के लिए कार्यवाहक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनीलकुमार तेवतिया के निर्देशन में सिविल लाइन थानाधिकारी अरविन्दसिंह चारण के नेतृत्व में टीम का गठन किया। पुलिस टीम ने अभय कमांड सेंटर के सीसीटीवी के फुटेज खंगाले तो तीन युवकों की गतिविधियों को ट्रेस करते हुए अलवर एमआई थाना बाड़ला निवासी मोनू बावरिया, सुरेश बावरिया व यूपी के बागपथ बिनोली खपराना निवासी राकेश बावरिया को पकड़ा। आरोपियों से वारदातों के खुलासे के लिए मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की। पुलिस ने आरोपियों से वारदात में इस्तेमाल कार बरामद की। पुलिस ने उनसे चोरी का एक मोबाइल फोन और 93 हजार 600 रुपए की रकम जब्त की।
यह वारदातें कबूली
डा. रघुवंशी ने बताया कि आरोपियों ने शहर में रोडवेज बस स्टैंड पर टेम्पों में सवार महिला यात्री से एक एंड्राइड मोबाइल फोन, आनासागर झील किनारे से एक महिला से 20 हजार रुपए व पुष्कर मेले में आए श्रद्धालुओं की जेब काटना स्वीकार किया। पुलिस आरोपियों से गहनता से पड़ताल में जुटी है।
डा. रघुवंशी ने बताया कि आरोपियों ने शहर में रोडवेज बस स्टैंड पर टेम्पों में सवार महिला यात्री से एक एंड्राइड मोबाइल फोन, आनासागर झील किनारे से एक महिला से 20 हजार रुपए व पुष्कर मेले में आए श्रद्धालुओं की जेब काटना स्वीकार किया। पुलिस आरोपियों से गहनता से पड़ताल में जुटी है।
निशाने पर भीड़भाड़ वाले स्थान डा. रघुवंशी ने बताया कि गिरोह भीड़भाड़ वाले स्थान, मेले व अन्य कार्यक्रमों को निशाना बनाता है। गिरोह 3-4 व्यक्तियों का समूह बनाकर लग्जरी कार में जाता है। गिरोह के गुर्गे कार को पार्किंग पर खड़ा कर अलग-अलग स्थान पर भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में शिकार को तलाशते हैं। उनका ध्यान भटका कर उनका पर्स या बैग चुराकर कार से रवाना हो जाते हैं।
पहले से दर्ज है मामला
सिविल लाइन थाने में 20 नवम्बर को जयपुर शास्त्रीनगर निवासी अबरार अहमद ने रिपोर्ट दी कि उसकी मां खजीदा बेगम 17 नवम्बर को एसबीआई बैंक में पेंशन लेने आई थी। बैंक से नकदी निकालने के बाद रकम छोटे पर्स में डालकर बैग में रख दिए। फिर वह शादी का कार्ड देने रिश्तेदार के यहां डिग्गी चौक गई। कार्ड देने के बाद रेलवे स्टेशन के सामने से टैम्पो में बस स्टैंड के लिए रवाना हुई। तीन युवक उसके साथ में टैम्पों में सवार हो गए। तीनों मोनू सुरेश और राकेश नाम से एक दूसरे को पुकारते हुए मेवाती में बात कर रहे थे। आरोपियों ने उसे बातों में उलझा कर बड़े बैग में रखा छोटा पर्स निकाल लिया। पर्स में 50 हजार रुपए व आधार कार्ड था। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उन्होंने अन्य वारदातें भी कबूलीं।
सिविल लाइन थाने में 20 नवम्बर को जयपुर शास्त्रीनगर निवासी अबरार अहमद ने रिपोर्ट दी कि उसकी मां खजीदा बेगम 17 नवम्बर को एसबीआई बैंक में पेंशन लेने आई थी। बैंक से नकदी निकालने के बाद रकम छोटे पर्स में डालकर बैग में रख दिए। फिर वह शादी का कार्ड देने रिश्तेदार के यहां डिग्गी चौक गई। कार्ड देने के बाद रेलवे स्टेशन के सामने से टैम्पो में बस स्टैंड के लिए रवाना हुई। तीन युवक उसके साथ में टैम्पों में सवार हो गए। तीनों मोनू सुरेश और राकेश नाम से एक दूसरे को पुकारते हुए मेवाती में बात कर रहे थे। आरोपियों ने उसे बातों में उलझा कर बड़े बैग में रखा छोटा पर्स निकाल लिया। पर्स में 50 हजार रुपए व आधार कार्ड था। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उन्होंने अन्य वारदातें भी कबूलीं।
रामनरेश-संजय की विशेष भूमिका
डा. रघुवंशी ने बताया कि वारदात में गठित टीम में सिपाही रामनरेश व संजय कुमार ने विशेष भूमिका निभाई। दोनों सिपाही ने अभय कमांड सेंटर से सीसीटीवी फुटेज को गहनता से देखा। आरोपियों पर संदेह गहराने पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। कार्रवाई में उपनिरीक्षक दिनेशकुमार, एएसआई चांदसिंह, सिपाही बनवारीलाल, दिनेश कुमार, दिपेन्द्र कुमार, राकेश, सुरेन्द्र सिंह, चन्द्रप्रकाश व अभय कमांड सेंटर का सिपाही श्रीराम शामिल है।
डा. रघुवंशी ने बताया कि वारदात में गठित टीम में सिपाही रामनरेश व संजय कुमार ने विशेष भूमिका निभाई। दोनों सिपाही ने अभय कमांड सेंटर से सीसीटीवी फुटेज को गहनता से देखा। आरोपियों पर संदेह गहराने पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। कार्रवाई में उपनिरीक्षक दिनेशकुमार, एएसआई चांदसिंह, सिपाही बनवारीलाल, दिनेश कुमार, दिपेन्द्र कुमार, राकेश, सुरेन्द्र सिंह, चन्द्रप्रकाश व अभय कमांड सेंटर का सिपाही श्रीराम शामिल है।