अजमेर. परिवर्तन संसार का नियम है ,नव-सृजन तब ही होगा जब पुरातन विसर्जन होगा। प्रकृति भी यही कहती है पतझड़ होगा तब ही बसन्त बहार आएगी ।
नव संवत्सर के आगमन से पूर्व छोटे-बड़े पेड़-पौधे अपनी शाखाओं से पत्तों का विसर्जन करते है, अब इन टहनियों पर नई कोपलें फूटेगी, नव-सृजन होगा।
अजमेर जिले के ब्यावर की यह तस्वीरें है जिसमें पतझड़ की विदाई व बसन्त बहार आने से पहले कुछ इस तरह नजर आते हैं पेड़ पौधें। पृकति के बदलाव की यह तस्वीरें सिटीजन फोटो जर्नलिस्ट सत्यनारायण अग्रवाल ने उपलब्ध करवाई है।