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मरीजों का दर्द : फर्श पर बैठो या फिर रहो खड़े

locationअजमेरPublished: Oct 01, 2019 05:30:29 pm

Submitted by:

sunil jain

 
राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय : हर जगह कतार में इंतजार

मरीजों का दर्द : फर्श पर बैठो या फिर रहो खड़े

मरीजों का दर्द : फर्श पर बैठो या फिर रहो खड़े

ब्यावर. शहर के सबसे बड़े अमृतकौर चिकित्सालय में कतार की परेशानी से मरीजों को निजात नहीं मिल रही। जहां मरीज को आराम करने की सलाह दी जाती है, वहीं मरीज को यहां पर कतार में घटों खड़ा रहना पड़ता है। पर्ची काउन्टर हो या चिकित्सक कक्ष, दवा काउन्टर हो या जांच कक्ष, हर जगह मरीजों को इंतजार की परेशानी से जूझना पड़ रहा है। विडम्बना यह है कि यहां पर कतार तो लगती है लेकिन अधिकांश जगहों पर कतार में खड़े रहना या फिर फर्श पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना मरीजों की मजबूरी बन चुका है। यहां पर मरीजों के बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। गौरतलब है कि ब्यावर का अस्पताल आस पास के जिलों से सटा हुआ है और यहां पर दूर दराज के मरीज आते है। वर्तमान में यहां का आउटडोर का आंकड़ा भी डेढ़ हजार से ऊपर है और एेसे में हर जगह कतार लगी रहती है। पहले मरीज को पर्ची लेने के लिए काउन्टर पर खड़ा होना पड़ता है और उसके बाद परामर्श के लिए चिकित्सक कक्ष के बाहर, इसके बाद अगर दवा लिखी है तो दवा काउन्टर और जांच लिखी है तो मरीज की जांच काउन्टर के बाहर खड़ा होना मजबूरी है।
टूटी कुर्सियां हटाई

तीन दिन पहले केन्द्रीय टीम के तीन सदस्यों ने अस्पताल का दौरा किया और इस दौरान मदर चाइल्ड विंग में पड़ी टूटी हुई अधिकांश कुर्सियांं हटा दी गई। टीम को बताया गया कि यहां कुर्सियां तो लगाई गई है, लेकिन मरम्मत के लिए भेजी गई है। यह कुर्सियां न तो वापस लगाई गई और न ही इनकी जगह नई कुर्सियां लगाई।
जहां लगी, पर्याप्त नहीं

अस्पताल में जहां पर बैठने के लिए कुर्सियां लगाई गई है, वह भी पर्याप्त नहीं है। पुराने भवन में आउडडोर चलता है और यहां पर चिकित्सक कक्ष के बाहर मरीजों की कतार लगी रहती है। यहां पर कक्ष के बाहर तीन चार मरीजों के लिए बैठने की व्यवस्था है लेकिन यहां मरीजों की संख्या हर समय ज्यादा ही रहती है।

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