सतपुलिया विस्तारीकरण अधूरा
सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से करीब तीन साल पहले सतपुलिया विस्तारीकरण व अजमेर रोड का काम शुरु किया गया। करीब छह करोड़ की लागत से शुरू हुआ यह काम अब तक अधूरा पड़ा है। पहले बिजली व टेलीफोन के पोल हटाने के साथ पेड़ हटाने के कारण देरी हुई और बाद में सीवरेज के कार्य के कारण देरी हुई। इस साल के अन्त में सीवरेज लाइन डालने का काम शुरू हो गया है और उम्मीद है कि साल के शुरूआती महिनों में ही अजमेर रोड व सतपुलिया विस्तारीकरण की सौगात शहरवासियों को मिलेगी।
सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से करीब तीन साल पहले सतपुलिया विस्तारीकरण व अजमेर रोड का काम शुरु किया गया। करीब छह करोड़ की लागत से शुरू हुआ यह काम अब तक अधूरा पड़ा है। पहले बिजली व टेलीफोन के पोल हटाने के साथ पेड़ हटाने के कारण देरी हुई और बाद में सीवरेज के कार्य के कारण देरी हुई। इस साल के अन्त में सीवरेज लाइन डालने का काम शुरू हो गया है और उम्मीद है कि साल के शुरूआती महिनों में ही अजमेर रोड व सतपुलिया विस्तारीकरण की सौगात शहरवासियों को मिलेगी।
खेल स्टेडियम का उपयोग नहीं
सेदरिया में स्टेडियम निर्माण का कार्य दो साल पहले पूरा हो गया, लेकिन लाखों खर्च के बावजूद इसका उपयोग नहीं हो सका है। इसी साल राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट कोरपोरेशन की ओर से इसका कब्जा भी क्षेत्रीय खेलकू द प्रशिक्षण केन्द्र अजमेर को सौंप दिया गया। लेकिन इस साल यहां प्रशिक्षण के लिए कोच लगाए जाने थे, वे लगे ही नहीं। उम्मीद है कि इस नए साल में खिलाडि़यों को यहां पर सुविधा मिल सकेगी और यहां बने भवन का उपयोग हो सकेगा।
सेदरिया में स्टेडियम निर्माण का कार्य दो साल पहले पूरा हो गया, लेकिन लाखों खर्च के बावजूद इसका उपयोग नहीं हो सका है। इसी साल राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट कोरपोरेशन की ओर से इसका कब्जा भी क्षेत्रीय खेलकू द प्रशिक्षण केन्द्र अजमेर को सौंप दिया गया। लेकिन इस साल यहां प्रशिक्षण के लिए कोच लगाए जाने थे, वे लगे ही नहीं। उम्मीद है कि इस नए साल में खिलाडि़यों को यहां पर सुविधा मिल सकेगी और यहां बने भवन का उपयोग हो सकेगा।
बिचड़ली को नहीं मिली गंदे पानी से निजात अमृत योजना के तहत डाली जा रही सीवरेज के कारण शहर के गंदे पानी के नालों से होने वाली गंदगी एवं सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट के कारण बिचड़ली में शामिल होने वाली गंदगी से निजात मिलने की उम्मीद थी लेकिन सीवरेज का कार्य अब तक पूरा नहीं हो सका है। शहर के लिए स्वीकृत हुई 110 करोड़ की योजना के तहत पहले चरण में चारदीवारी के अंदर का क्षेत्र एवं वार्ड संख्या 36 से 45 तक का क्षेत्र शामिल किया गया। साथ ही शहर में बिजयनगर बस स्टेंड, कुंदन नगर फैसीलीटी जमीन, नृसिंहपुरा के समीप, बिचड़ली के समीप अंडर ग्राउंड टैंक का निर्माण किया जा रहा है। काम पूरा होने के बाद ही बिचड़ली तालाब को गंदे पानी से निजात मिल सकेगी। इसके अलावा बिचड़ली तालाब में फैली जलकुंभी को गत साल साफ किया लेकिन फिर से फैल गई है।
249 करोड़ की परियोजना पूरी नहीं
जवाजा-बीसलपुर परियोजना वर्ष 2013 में स्वीकृत हुई। इस परियोजना में शामिल 199 गांवों में तीन साल में अर्थात वर्ष 2016 तक पानी पहुंचाना था। इस परियोजना में काम लम्बित चलता रहा। इसका समय बढ़ाकर 2019 तक कर दिया गया। वर्ष 2018 तक 109 गांवों को पानी दिया जाना प्रस्तावित था। इसके लिए काम चल रहा है लेकिन अब तक कई स्थानों पर काम अटका पड़ा है। जहां पानी दिया जा रहा है, वहां पर पानी भी नाम मात्र का दिया जा रहा है।
जवाजा-बीसलपुर परियोजना वर्ष 2013 में स्वीकृत हुई। इस परियोजना में शामिल 199 गांवों में तीन साल में अर्थात वर्ष 2016 तक पानी पहुंचाना था। इस परियोजना में काम लम्बित चलता रहा। इसका समय बढ़ाकर 2019 तक कर दिया गया। वर्ष 2018 तक 109 गांवों को पानी दिया जाना प्रस्तावित था। इसके लिए काम चल रहा है लेकिन अब तक कई स्थानों पर काम अटका पड़ा है। जहां पानी दिया जा रहा है, वहां पर पानी भी नाम मात्र का दिया जा रहा है।
लागू नहीं हो सकी स्ट्रीट वेंडर नीति
दीनदयाल अन्त्योदय योजना व राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत स्ट्रीट वेण्डर-ठेले वाले व फुटपाथ विक्रेताओं का सर्वे करवाया गया। इसके तहत एक कमेटी का गठन किया गया। ठेला संचालकों को स्मार्ट कार्ड दिए जाने का काम इस साल कर लिया गया। लेकिन यह अब तक लागू नहीं हो सकी है। अव्यवस्थाओं के कारण शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालाकिं नए बोर्ड के गठन के बाद इस पर काम शुरू हुआ है लेकिन यह लागू कब से होगी, यह तो समय ही बताएगा।
दीनदयाल अन्त्योदय योजना व राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत स्ट्रीट वेण्डर-ठेले वाले व फुटपाथ विक्रेताओं का सर्वे करवाया गया। इसके तहत एक कमेटी का गठन किया गया। ठेला संचालकों को स्मार्ट कार्ड दिए जाने का काम इस साल कर लिया गया। लेकिन यह अब तक लागू नहीं हो सकी है। अव्यवस्थाओं के कारण शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालाकिं नए बोर्ड के गठन के बाद इस पर काम शुरू हुआ है लेकिन यह लागू कब से होगी, यह तो समय ही बताएगा।