जानकारी के अनुसार सभापति कनौजिया के खिलाफ पट्टे जारी करने के मामले में पद के दुरुपयोग की शिकायत की गई। इस मामले में स्वायत शासन विभाग ने कनौजिया को 25 मई को दो बिन्दु के आरोप में नोटिस देकर सात दिन में जवाब मांगा। सभापति ने नोटिस का जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। इसके बाद उन्होंने गत दिनों नोटिस का जवाब दिया। इसके बाद स्वायत शासन विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव हृदेश कुमार शर्मा ओर से जारी आदेश में सभापति कनौजिया को निलम्बित कर दिया गया।
यह लिखा आदेश में आदेश में बताया गया कि विभाग को प्रस्तुत स्पष्टीकरण नोटिस के जवाब का शिकायत के तथ्यों के परिपेक्ष्य में परीक्षण करने पर पाया गया कि संशोधित ले-आउट प्लान के अनुसार पट्टे जारी करने चाहिए थे। जो कि नहीं किए गए। सभापति के इस कृत्य को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (घ) (111)(6) के तहत होना पाया गया है। इस पर राज्य सरकार ने सभापति के विरुद्ध राजस्थान नगर पालिका अधिनियिम 2009 की धारा 39 (3) के अंतर्गत न्यायिक जांच करवाए जाने का निर्णय किया गया है।
कनौजिया के सभापति पद पर बने रहने से न्यायिक जांच प्रभावित किए जाने की संभावना है। सभापति एवं सदस्य के खिलाफ राजस्थान नगर पालिका अधिनियमि 2009 की धारा 43 (10) के तहत आरोप प्रथमदृष्टया प्रमाणित पाए जाने के कारण राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (6) के अंतर्गत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार ने सभापति नरेश कनौजिया को सदस्य व सभापति पद से निलम्बित कर दिया गया।
जयपुर का रुख, लॉबिंग शुरू, मनोनयन पर नजर नगर परिषद सभापति पद से नरेश कनौजिया को निलम्बित किए जाने के बाद शहर की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है। सभापति पद पर मनोनयन को लेकर संभावित दावेदारों ने प्रयास तेज कर दिए हैं। सभापति पद अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। ऐसे में अनुसूचित जाति वर्ग के पार्षदाें ने सभापति पद पर मनोनयन को लेकर प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए कुछ पार्षदों ने जयपुर की ओर रुख कर दिया है।
सभापति पद को लेकर पार्षदों ने बड़े नेताओं से सम्पर्क साधना शुरू कर दिया है। सभापति पद पर कई नाम सामने आ रहे हैं। कांग्रेस में अनुसूचित जाति वर्ग से गोविंद पंडित, भरत बाघमार, घनश्याम फुलवारी, राजेन्द्र तुनगारिया, गिरधारी पोपावत, करुणा जावा, दिनेश बैरवा पार्षद हैं। दूसरी ओर भाजपा से रवि चौहान, भागचंद फुलवारी, ममता छत्रावत, निर्मल पंवार, स्वाति फुलवारी भी अनुसूचित वर्ग से हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्षदों ने गत दिनों विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा के ब्यावर आगमन पर उनसे मिलकर सभापति की शिकायत की थी। उन्होंने शिकायतों पर जांच करवाने सहित अन्य बिन्दुओं को लेकर चर्चा की थी। इसके बाद से ही राजनीति उठापटक चल रही थी।
अलग-अलग बैठकें, मजबूत कर रहे लॉबी सभापति पद पर मनोनयन को लेकर अलग-अलग बैठकों का दौर भी अंदरूनी तौर पर शुरू हो गया है। पार्षदों के साथ बैठकों के अलावा नेताओं से भी लगातार सम्पर्क साधे हुए हैं। कुछ पार्षदों ने जयपुर की ओर रुख किया। वहीं कुछ पार्षद स्थानीय स्तर पर बैठक कर लॉबिंग करने में जुटे रहे।