ब्यावर दुखांतिका में झुलसे हलवाई की भी जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। उसको रविवार को अजमेर से जयपुर के एसएमएस अस्पताल में चार अन्य घायलों के साथ भर्ती करवाया गया था।
उसके खिलाफ ब्यावर सिटी थाना पुलिस ने लापरवाही बरतने का मुकदमा दर्ज किया था। अब पुलिस किसके खिलाफ जांच करेगी यह नया सवाल खड़ा हो गया है। हालांकि पुलिस ने कहा कि पीडि़त परिवार चाहे तो किसी के खिलाफ भी नाम जुड़वा सकता है।
दुखांतिका में हलवाई की मौत के बाद मृतकों की संख्या 20 हो गई। ब्यावर के एसडीएम पीयूष समारिया ने बताया कि ब्यावर के नन्दनगर में पेश आए गैस सिलेंडर हादसे में झुलसे हलवाई ब्यावर निवासी गजेन्द्र सिंह (43) पुत्र बसंत सिंह गौड़ ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
चिकित्सकों के मुताबिक गजेन्द्र का शरीर 50 फीसदी झुलसा था। उसे पहले अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में भर्ती किया गया था, बाद में उसे जयपुर रेफर किया गय। इनका चल रहा है उपचार
जयपुर के एसएमएस में अभी ब्यावर निवासी ओमप्रकाश सिसोदिया, बिराटिया खुर्द संजय छीपा, मांगी देवी कुमावत और आशा देवी उपचाररत है।
जयपुर के एसएमएस में अभी ब्यावर निवासी ओमप्रकाश सिसोदिया, बिराटिया खुर्द संजय छीपा, मांगी देवी कुमावत और आशा देवी उपचाररत है।
मृतकों की संख्या हुई 20
ब्यावर दुखांतिका में अब तक 20 जनों की मृत्यु हो चुकी है। इससे पूर्व 19 जनों के शव मलबे से बाहर निकाले जा चुके हैं। हादसे बाद राहत एवं बचाव में जुटे प्रशासन ने पहले दिन दो, दूसरे दिन 7 और तीसरे दिन दस जनों के शव मलबे से बाहर निकाले थे।
ब्यावर दुखांतिका में अब तक 20 जनों की मृत्यु हो चुकी है। इससे पूर्व 19 जनों के शव मलबे से बाहर निकाले जा चुके हैं। हादसे बाद राहत एवं बचाव में जुटे प्रशासन ने पहले दिन दो, दूसरे दिन 7 और तीसरे दिन दस जनों के शव मलबे से बाहर निकाले थे।
अब जांच किसके खिलाफ?
हलवाई गजेंद्र की मौत के साथ पुलिस के लिए नया सवाल खड़ा हो गया है। पुलिस ने गैस सिलेंडर रीफिल करने के मामले में मृतक गजेंद्र के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया था। गजेंद्र की मृत्यु के साथ पुलिस के पास अब कोई आरोपित नहीं बचा है। हालांकि इस मामले में हलवाई के साथ काम करने वाली दो महिलाओं के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ था, लेकिन उन्हें नामजद नहीं किया गया है।
हलवाई गजेंद्र की मौत के साथ पुलिस के लिए नया सवाल खड़ा हो गया है। पुलिस ने गैस सिलेंडर रीफिल करने के मामले में मृतक गजेंद्र के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया था। गजेंद्र की मृत्यु के साथ पुलिस के पास अब कोई आरोपित नहीं बचा है। हालांकि इस मामले में हलवाई के साथ काम करने वाली दो महिलाओं के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ था, लेकिन उन्हें नामजद नहीं किया गया है।
मेरा बेटा था सुपरवाइजर
उधर मृतक गजेंद्र के पिता ने बेटे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि मेरा बेटा हलवाई नहीं बल्कि निजी कम्पनी में सुपरवाइजर था। उसे जानबूझकर आरोपी बनाया गया है। इस मामले में पुलिस कोई नए सिरे से जांच करनी चाहिए।
उधर मृतक गजेंद्र के पिता ने बेटे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि मेरा बेटा हलवाई नहीं बल्कि निजी कम्पनी में सुपरवाइजर था। उसे जानबूझकर आरोपी बनाया गया है। इस मामले में पुलिस कोई नए सिरे से जांच करनी चाहिए।