हादसे के बाद खिड़कियां व दरवाजे मकानों में नहीं हैं। लोग जैसे तैसे अपने स्तर पर रिपेयरिंग करवाकर मकान में रहने को मजबूर हैं। वहीं प्रशासन की ओर से सुरक्षा को देखते हुए कुमावत पंचायत भवन की ओर जाने वाला रास्ता आमजन के लिए नहीं खोला गया।
प्रशासन ने हादसे की आशंका को देखते हुए पंचायत भवन के निकट जर्जर हो रखी इमारत के आस-पास बेरिकेट लगा दिए हैं। वहीं आधे तोड़े गए मकान में किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। हादसे में टूटे मकानों की रिपेयरिंग व पानी बिजली का इंतजाम करते मकान मालिक खुद ही देखे गए। हादसे में जो मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे, उन सभी मकान मालिकों को प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं। इन्हें अपने भवन की रिपेयरिंग खुद करवाने या हटाने के लिए कहा है।
इसके लिए प्रशासन की ओर से मौका मुआयना करने के साथ ही लोगों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। इसे लेकर लोग आक्रोशित हो गए। उन्होंने विरोध जताया। आखिर इस मामले को लेकर बाद में उपखण्ड अधिकारी पीयूष समारिया ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद मामला शांत हुआ।
प्रशासन की रफ्तार सुस्त
कुमावत पंचायत भवन में हादसे के बाद प्रशासन तीन दिन तक सेना व एनडीआरएफ की मदद से तेजी से मलबा हटाने के साथ शवों को बाहर निकाला। लेकिन दो दिनों से यहां काम की रफ्तार काफी धीमी है। यहां पर प्रशासन की ओर से केवल लोहे को हटाकर इतिश्री कर ली गई। जर्जर इमारत को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका।
कुमावत पंचायत भवन में हादसे के बाद प्रशासन तीन दिन तक सेना व एनडीआरएफ की मदद से तेजी से मलबा हटाने के साथ शवों को बाहर निकाला। लेकिन दो दिनों से यहां काम की रफ्तार काफी धीमी है। यहां पर प्रशासन की ओर से केवल लोहे को हटाकर इतिश्री कर ली गई। जर्जर इमारत को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका।
अभी भी नहीं हटाया मलबा
कुमावत पंचायत भवन के निकट चांदमल कुमावत के भवन में गिरा मलबा पांच दिन बाद भी नहीं हटाया जा सका है। पांच दिन से मकान में मलबा बिखरा हुआ है। कई कीमती सामान मलबे में दबकर रह गया। लेकिन अभी तक सामान को निकालने में प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं की गई।
कुमावत पंचायत भवन के निकट चांदमल कुमावत के भवन में गिरा मलबा पांच दिन बाद भी नहीं हटाया जा सका है। पांच दिन से मकान में मलबा बिखरा हुआ है। कई कीमती सामान मलबे में दबकर रह गया। लेकिन अभी तक सामान को निकालने में प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं की गई।
मदद को बढ़े हाथ
कुमावत पंचायत भवन के आस पास त्रासदी में घायल व किराए पर रहने वाले लोगों की मदद के लिए अब क्षेत्रवासी आगे आए हैं। मंगलवार को हुई बैठक के बाद सभी लोगों ने अपने स्तर पर राशि एकत्र की। यह पचास हजार के करीब एकत्र हुई है। इस राशि को अब जरुरतमंद लोगों में वितरित किया जाएगा।
कुमावत पंचायत भवन के आस पास त्रासदी में घायल व किराए पर रहने वाले लोगों की मदद के लिए अब क्षेत्रवासी आगे आए हैं। मंगलवार को हुई बैठक के बाद सभी लोगों ने अपने स्तर पर राशि एकत्र की। यह पचास हजार के करीब एकत्र हुई है। इस राशि को अब जरुरतमंद लोगों में वितरित किया जाएगा।
खाली बिल्डिंग को गिराएगा कौन
प्रशासन की ओर से कुमावत पंचायत भवन के आसपास क्षतिग्रस्त हुए तीन भवन मालिकों को नोटिस जारी कर उनकी रिपेयरिंग करवाने के निर्देश दिए। लेकिन भवन के पास खाली पड़ी बिल्डिंग को लेकर अभी तक प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं है। इतनी बड़ी बिल्डिंग को अब गिराना आसान नहीं है। इसके पीछे का हिस्सा सबसे अधिक झूल रहा है।
प्रशासन की ओर से कुमावत पंचायत भवन के आसपास क्षतिग्रस्त हुए तीन भवन मालिकों को नोटिस जारी कर उनकी रिपेयरिंग करवाने के निर्देश दिए। लेकिन भवन के पास खाली पड़ी बिल्डिंग को लेकर अभी तक प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं है। इतनी बड़ी बिल्डिंग को अब गिराना आसान नहीं है। इसके पीछे का हिस्सा सबसे अधिक झूल रहा है।
खुद ही कर रहे हैं रिपेयरिंग प्रशासन ने पहले आश्वासन दिया था कि वह सभी के क्षतिग्रस्त हुए मकानों की रिपेयरिंग करवाएंगे। लेकिन घटना के पांच दिन बाद कोई सुध नहीं लिए जाने से मंगलवार को लोगों ने टूटे पानी के नल लगवाने के साथ ही दीवारों की रिपेयेरिंग करवाई।
आखिर लगवाई बल्लियां पंचायत भवन के निकट रहने वाले चांदमल कुमावत के परिवार ने प्रशासनिक अधिकारियों से अंदर जाकर सामान लाने की मांग की। लेकिन प्रशासन का कहना था कि वहां बल्लियां नहीं लगी हैं इसी कारण हादसे की आशंका है, जबकि वहां सामान बिखरा हुआ है। परिजन के विरोध के बाद आखिर वहां पर बल्लियां लगवाई गई।