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राजस्थान का रण , वर्षों पहले भी विधानसभा चुनाव प्रचार में बॉलिवुड स्टार्स के आने से यूं लगते थे चार चांद

locationअजमेरPublished: Oct 26, 2018 07:20:28 pm

Submitted by:

सोनम

 
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before some years Bollywood stars also love o take part in propaganda

राजस्थान का रण , वर्षों पहले भी विधानसभा चुनाव प्रचार में बॉलिवुड स्टार्स के आने से यूं लगते थे चार चांद

दिलीप शर्मा. अजमेर.

विधानसभा चुनाव में सिने स्टार या बड़े नेता को बुलवा कर माहौल में ग्लैमर पैदा करने का शौक पहले के नेताओं को भी था। तब चुनाव खर्च को लेकर भी इतनी सख्ती नहीं हुआ करती थी। प्रत्याशी की जेब पर निर्भर करता था कि वह प्रचार में कितना खर्च कर सकता था। वर्ष-1993 में कांग्रेस प्रत्याशी रहे विष्णु मोदी ने चुनाव प्रचार में जमकर खर्चा किया। उनके चुनाव प्रचार के लिए फिल्म स्टार राजेश खन्ना व कांग्रेस के दिग्गज स्टार प्रचारक राजेश पायलट पुष्कर आए थे। इस प्रचार का असर भी पड़ा और मोदी चुनाव जीत गए।
हैलीेकॉप्टर से आए

चुनावी माहौल में आकर्षण व कांग्रेस के लिए मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए विष्णु मोदी की यह नीति काम भी आई। उन्होंने अपने प्रचार के लिए राजेश खन्ना व राजेश पायलट को अलग-अलग चार्टर हैलीकॉप्टर के जरिए पुष्कर बुलाया। दोनों प्रचारक हैलीकॉप्टर से सीधे पुष्कर पहुंचे थे। उस समय हैलीकॉप्टर को देखने का भी एक खास कौतूहल था। सैकड़ों की संख्या में पुष्कर व आसपास के लोग उस समय बनाए गए अस्थायी हैलीपैड के आसपास पहुंच गए। प्रचारकों के हैलीेकॉप्टर से उतरने के बाद से लेकर सभा स्थल तक कौतूहल रहा। यहां तक उनके लौटने तक भीड़ हैलीपेड के आसपास जुटी रही।
नहीं तो चुनाव नहीं लड़ पाते भाटी…!
चुनाव की रोचक बातें यहीं नहीं खत्म नहीं होती। 1985 में केकड़ी से कांग्रेस प्रत्याशी रहे ललित भाटी जाति प्रमाण पत्र के अभाव में ऐन वक्त पर चुनाव लडऩे से वंचित रह जाते। तब करीब साढ़े पच्चीस साल के रहे ललित भाटी ने लाइन में लगकर सामान्य आवेदक की तरह चुनाव लडऩे के लिए आवेदन किया। तब तत्कालीन दिग्गज नेताओं हरिदेव जोशी, नवलकिशोर शर्मा, नाथूराम मिर्धा आदि को पता लगा कि ललित बीड़ी उद्यमी शंकर सिंह भाटी के पुत्र है। ललित अजमेर से लडऩे के इच्छुक थे लेकिन बाद में उन्हें केकड़ी से लडऩे के लिए मना लिया गया। तब केकड़ी से जनता दल के गोपाल पचेरवाल चुनाव मैदान में थे। पचेरवाल प्रवक्ता होने के कारण उनकी कैसेटें बजार में प्रचार के लिए वितरित की गई।
भाटी के साथ उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई जब नामांकन भरने के दौरान निर्वाचन अधिकारी व तत्कालीन जिला कलक्टर तुलसीराम वर्मा ने उनसे नामांकन पत्र में एससी जाति का प्रमाण पत्र मांगा। भाटी ने बताया कि उन्हें शिक्षा दीक्षा व अन्य कहीं भी कभी जाति प्रमाण पत्र की जरूरत ही नहीं पड़ी इसलिए उन्होने कभी बनवाया नहीं। तब निर्वाचन अधिकारी वर्मा ने तत्काल भाटी का जाति प्रमाण पत्र बनवाया। जाति प्रमाण-पत्र को नामांकन पत्र में जोड़ कर नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया पूर्ण की गई। यह चुनाव भाटी जीत गए थे।
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