ट्विटर हैंडल पर तंज कसते हुए बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान कोरोना महामारी से प्रभावित है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी प्रदेश के किसानों व बेरोजगारो तथा जनहित के मुद्दों. प्रवासियों की पीड़ा को लेकर लगातार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उठा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खोखली वाहवाही बटोरने में जुटे हैं। सरकार के मंत्री तथा सत्तापक्ष के विधायक कई भर्तियों को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। फिर भी कामकाज नहीं हो रहा है।
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भाजपा पर भी निशानाबेनीवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता जनहित के मुद्दों को उठाने से कोसों दूर हैं। परिवहन घोटाले सहित कई ऐसे मामलों पर भाजपा की चुप्पी सरकार से आंतरिक गठबंधन को दर्शाती है। जबकि जनप्रतिनिधियों के सुझावों पर उन्हें गौर करने की आवश्यकता थी। भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने गृह जिले एवं निर्वाचन क्षेत्र में कोरोना रोकने को लेकर कोई प्रभावी एक्शन प्लान नही बना पाए हैं। विधायक नारायण बेनीवाल ैर इंदिरा देवी बावरी ने कहा कि कोरोना त्रासदी में मुख्यमंत्री कुछ अधिकारियों के फीडबैक के आधार पर निर्णय ले रहे हैं।
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Locust: टिड्डी दल पहुंचा पुष्कर, किसानों की उड़ी नींद
अजमेर में पहली बार आसमान में नजर आई टिड्डी अजमेर. मौसम इन दिनों बदला हुआ है। रविवार शाम आसमान में टिड्डी दल मंडराया। ऐसा पहली बार हुआ जबकि टिड्दी दल अजमेर जिले में पहुंचा।
सुबह तेज धूप और गर्माहट ने लोगों को जबरदस्त परेशान रखा था। शाम करीब 5 बजे मौसम पलट गया। 10 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज हवा संग धूल उड़ी। आसमान का रंग मटमैला हो गया। इसके साथ ही हजारों की तादाद में पाकिस्तान के इलाकों से आई टिड्डियां भी मंडराती दिखी। होकरा, तिलोरा, पुष्कर, लोहागर, अजमेर सहित अन्य इलाकों में टिड्डी दल नजर आया।
फसलों को नुकसान
मदस विश्वविद्यालय के बॉटनी विभागाध्यक्ष प्रो. अरविंद पारीक ने बताया कि टिड्डी दल से खेतों में फसलों-पौधों, पशुओं के घास और वनस्पतियों को नुकसान पहुंचाता है। राजस्थान में जैसलमेर, बाडमेर, श्रीगंगानगर सहित अन्य जिलों में बड़े पैमाने पर टिड्डियों ने हमला किया है। इनसे बचाव के लिए एयरक्राफ्ट अथवा ड्रोन से दवा का छिडक़ाव किया जाता है।
मदस विश्वविद्यालय के बॉटनी विभागाध्यक्ष प्रो. अरविंद पारीक ने बताया कि टिड्डी दल से खेतों में फसलों-पौधों, पशुओं के घास और वनस्पतियों को नुकसान पहुंचाता है। राजस्थान में जैसलमेर, बाडमेर, श्रीगंगानगर सहित अन्य जिलों में बड़े पैमाने पर टिड्डियों ने हमला किया है। इनसे बचाव के लिए एयरक्राफ्ट अथवा ड्रोन से दवा का छिडक़ाव किया जाता है।
जून में आएगा मानसून
मौसम विभाग की मानें तो दक्षिण पश्चिम मानसून जून के शुरुआत में केरल पहुंचेगा। इसके आगे बढऩे की रफ्तार ठीक रही तो जून के अंत तक राजस्थान में दस्तक देगा। इससे पहले धूल भरे अंधड़, प्री मानसून बरसात होने के आसार हैं।
मौसम विभाग की मानें तो दक्षिण पश्चिम मानसून जून के शुरुआत में केरल पहुंचेगा। इसके आगे बढऩे की रफ्तार ठीक रही तो जून के अंत तक राजस्थान में दस्तक देगा। इससे पहले धूल भरे अंधड़, प्री मानसून बरसात होने के आसार हैं।